महंगे होंगे स्मार्टफोन और साइबरक्राइम भी बढ़ेगा,आखिर Google ने क्यों कही ये बात
Google ने शुक्रवार को CCI पर बड़ा पलटवार किया है. कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया ने पिछले साल गूगल पर अपनी मजबूत स्थिति का फायदा उठाने के मामले में जुर्माना लगाया था. गूगल इस मामले को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. इस मामले में अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी ने ‘The Heart of the Matter’ नाम से एक ब्लॉग लिखा है.
इस ब्लॉग में गूगल ने बताया है कि किस तरह से CCI के लगाए जुर्माने से भारत में डिजिटल इकोसिस्टम को नुकसान पहुंचेगा. कंपनी ने पूरे मामले में ब्लॉग लिखकर कहा है कि CCI के इस कदम से भारत में डिजिटल अडॉप्शन को झटका लगेगा.साथ ही स्मार्टफोन्स के लिए कंज्यूमर्स को ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे. कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया ने गूगल पर 2200 करोड़ से ज्यादा का फाइन लगाया है
किस वजह से लगा Google पर जुर्माना?
गूगल ने लिखा कि भारत एक ऐसे समय में है, जहां सेफ और सिक्योर स्मार्टफोन सभी को उपलब्ध कराने के लिए बैरियर्स को खत्म करना होगा. CCI के ऑर्डर के खिलाफ गूगल ने लिखा, ‘ऐसे वक्त में जब भारत की आधी आबादी कनेक्टेड है, CCI के आदेश की वजह से डिजिटल इकोसिस्टम अडॉप्शन को झटका लग सकता है.’
कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया ने पिछले साल गूगल पर 1337.76 करोड़ रुपये का फाइन लगाया था. ये जुर्माना स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम मार्केट में एंड्रॉयड के दबदबे की वजह से लगाया गया था. भारत में 97 परसेंट स्मार्टफोन्स Android पर काम करते हैं. इसके अलावा गूगल पर 936 करोड़ रुपये का जुर्माना प्ले स्टोर की पॉलिसी को लेकर लगाया गया.
क्या है CCI का कहना?
मामले में CCI ने गूगल से कहा कि वो स्मार्टफोन यूजर्स को ऐप्स अन-इंस्टॉल करने दे और उन्हें अपनी मर्जी का सर्च इंजन चुनने की आजादी दे. वहीं Google Play Store की पॉलिसी में भी बदलाव के लिए अथॉरिटी ने कहा है. इन पॉलिसीज की वजह से डेवलपर्स को Google Play बिलिंग सिस्टम यूज करना पड़ता है.
फिलहाल अगर आप एक Android यूजर हैं, तो गूगल के डिफॉल्ट ऐप्स को डिलीट नहीं कर सकते हैं. आप Google Maps को रिमूव नहीं कर पाएंगे. इस मामले में गूगल को NCLAT से भी कोई राहत नहीं मिली है. NCLAT ने गूगल फाइन की 10 परसेंट राशि चार हफ्तों में डिपॉजिट करने के लिए कहा है. इसके बाद गूगल सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा है, जहां 16 जनवरी को सुनवाई होनी है.
क्यों महंगे होंगे फोन्स?
अपने ब्लॉग में गूगल ने कहा है कि Android भारत में मोबाइल और इंटरनेट की ग्रोथ के लिए जरूरी हिस्सा है. इस मामले में गूगल ने बताया कि साल 2008 में Android के लॉन्च होने के साथ कीमत को कम रखना एक बड़ी चुनौती थी.पिछले 15 सालों में एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर होते हुए भी गूगल ने स्मार्टफोन मैन्युफैक्चर्र्स को सस्ता फोन डेवलप करने में मदद की है. गूगल ने कहा है कि इस आदेश की वजह से कंज्यूमर्स को ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे. इसके अलावा यूजर्स को साइबर क्राइम, बग्स और मालवेयर की दिक्कत से भी जूझना होगा.
अभी आप भले ही कोई सा भी Android स्मार्टफोन यूज कर रहे हों. इसके लिए सिक्योरिटी अपडेट्स में गूगल दूसरी कंपनियों की मदद करता है. अगर गूगल ऐसा नहीं करे, OEMs को ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे. इसकी वजह से स्मार्टफोन्स की कीमत बढ़ेगी और अंत में सारा बोझ कंज्यूमर्स पर आएगा.