कार्यक्रम का नाम रखा एक शाम शहिद के नाम लेकिन स्वतंत्रता सेनानियों के बजाय टांग लिया अपनी फोटो
रायपुर । एक तरफ पूरा देश शहीदों को नमन कर रहा है। देश की आन, बान और शान के लिए शहीदों को श्रेय दे रहा है और दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी लोग है, जो शहीदों के नाम पर खुद की वाहवाही बटोरने का भद्दा मजाक करने से गुरेज नहीं कर रहे। एक ऐसा ही मामला खम्हारडीह के हाईप्रोफाइल सोसायटी ” सिटी ऑफ ड्रीम” में देखने को मिला। जहां, 26 जनवरी पर कार्यक्रम तो “एक शाम शहीदों के नाम” का रखा गया था, लेकिन हैरानी इस बात की थी, कि कार्यक्रम में एक भी ना तो स्वतंत्रता सेनानी की फोटो लगी थी और ना ही जान न्योछावर करने वाले किसी वीर सपूत की। हां कार्यक्रम के आयोजकों ने अपने बड़े-बड़े फोटो के साथ फ्लैक्स जरूर लगा रखे थे।
जानकारी के मुताबिक गणतंत्र दिवस पर कार्यक्रम आयोजन किया गया था। राष्ट्रीय त्योहार पर जब ऐसा कार्यक्रम होता है तो अमूमन स्वंत्रता सेनानी और शहीदों की तस्वीर लगायी जाती है। यहां तक की सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत भी शहीदों पर पुष्पांजलि और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर माल्यापर्ण के साथ होता है,लेकिन जब शहीदों की फोटो ही नहीं थी तो फिर उन्हें पुष्पांजलि देने और श्रद्धासुमन अर्पित करने का औचित्य नहीं उठता।
” सिटी ऑफ ड्रीम” सोसायटी में हुए इस कार्यक्रम का रहवासियों ने विरोध जताया है। विरोध जायज भी है कि कार्यक्रम का आयोजन एक शाम शहीदों के नाम पर किया गया, लेकिन शहीदों की तस्वीर की जगह बैनर पर COD विकास पैनल का बैनर लगा दिया गया। जाहिर है शहीदों के नाम पर शहादत का मजाक उड़ाने का ऐसा सिलसिला तुरंत बंद होना चाहिये।