हरदीबाजार के रेकी जंगल पहुंचा 13 हाथियों का दल
कोरबा। जिले में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले ही 45 हाथी कटघोरा वन मंडल के जंगलों में डेरा डालकर आतंक मचा रहे है, इस बीच 13 हाथी का एक और दल बिलासपुर के सीपत से बुधवार की सुबह कटघोरा वनमंडल अंतर्गत आने वाले हरदीबाजार के रेकी जंगल पहुंच गया। जो डेरा डाले रहा। पूरे दिनभर पुलिस, फारेस्ट व प्रशासन की टीम लगातार हाथियों की निगरानी कर उन्हें आगे जंगल की ओर खदेड़ने में लगी रही।
रात को हाथियों का दल पाली जंगल की ओर निकलने की कोशिश कर रहा था। वन विभाग की टीम भी इसी प्रयास में जुटी हुई थी कि हाथी उसी रास्ते से कटघोरा वनमंडल के पसान की ओर निकल जाए। लेकिन हाथियों का दल कटघोरा के जंगल की ओर जाने जाते समय रतिजा के जंगल से वापस मुड़कर हरदीबाजार की ओर आ धमका। रिहायशी क्षेत्र के करीब हाथी दल होने से वन विभाग की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ गई है। हरदी बाजार से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर ही हाथियों का दल एक जलाशय के पास डेरा डाले हुए हैं।
अब वन विभाग व पुलिस की टीम को जनधन की हानि रोकने के प्रयास में जुट गई है। इसके लिए पूरे क्षेत्र में लगातार पेट्रोलिंग कर लोगों को सजग और सावधान कर किया जा रहा है। हाथियों के दल के पास कोई जा ना सके इस दिशा में पूरा प्रयास किया जा रहा है। अब हाथियों का दल किस ओर आगे बढ़ेगा यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। लेकिन जिस तरह से हाथियों का दल आगे जाने के बजाए फिर से हरदीबाजार की ओर वापस आ गया है इससे खतरा एक बार फिर से बढ़ गया है। पुराने के बाद अब नया दल आने से वन विभाग की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है।
तरुण छत्तीसगढ़ को मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को जहां हाथियों के दल ने ग्राम रेकी में एक ग्रामीण पर हमला कर दिया था। वहीं दूसरी ओर पूर्वी सर्किल में भी हाथी के हमले से एक ग्रामीण घायल हो गया है। 1 दिन के भीतर 2 ग्रामीणों के घायल होने से वन विभाग की लगातार मुश्किलें बढ़ती जा रही है। हालांकि वन विभाग द्वारा हाथी रहवास के नाम पर अब तक करोड़ों रुपए खर्च कर चुकी है लेकिन नतीजा सिफर ही नजर आ रहा है। हर वर्ष विभाग द्वारा हाथियों की देखरेख रहवास के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं लेकिन हाथियों को बेहतर नहीं मिल रहा है जिसके चलते ऐसी स्थिति निर्मित हो रही है।