दुर्ग

हर हर शंभू गीत की सिंगर अभिलिप्सा पांडा पहुंची भिलाई …

भिलाई: हर-हर शंभू गीत गाकर देशभर में फेमस हुईं अभिलिप्सा पांडा भिलाई पहुंची,हर हर शंभू सॉन्ग को सिंगर फरमानी नाज ने गाकर और ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उनके गाने के बाद जो कंट्रोवर्सी हुई उसे वह गलत नहीं मानती हैं। उन्होंने कहा कि उनके सनातनी गीत को एक दूसरे धर्म की महिला ने गाया इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है।

महाशिवरात्रि पर अभिलिप्सा पांडा ओडीसा से अपने पिता के साथ शुक्रवार रात भिलाई पहुंची। उन्होंने कहा कि सिंगर फरमानी नाज के शिव भजन गाने पर कुछ लोगों ने नाराजगी जताई और उसे इस्लाम के खिलाफ बताया था। लेकिन ये उनके लिए काफी बड़ी बात है।इस गीत के माध्यम से सनातन धर्म का स्लोक दूसरे धर्म के लोगों ने भी अपनाया है। इससे अच्छी बात और कोई नहीं हो सकती है।

अभिलिप्सा ने कहा कि वो आयरन सिटी ओडिशा से हैं। भिलाई स्टील सिटी है। यहां वो पहली बार आई हैं। उन्हें यहां आकर काफी अच्छा लगा। सबसे बड़ी सौभाग्य की बात ये है कि वो महा शिवरात्रि के महा पर्व पर यहां आई हैं और श्री 108 लिंगीय महारुद्राभिषेक कार्यक्रम का हिस्सा बन रही हैं

कोविड ने युवा पीढ़ी को अध्यात्म से जोड़ा

अभिलिप्सा कहती हैं कि कोविड जैसी महामारी फिर से कभी न आए, लेकिन उनकी नजर में इसने आज की युवा पीढ़ी को अपने धर्म से जोड़ने का काम किया है। कोविड के दौरान लोग अपने घर में थे। भारत सरकार ने सालों पहले आने वाले सीरियल महाभारत, रामायण, विष्णु पुराण और अन्य धार्मिक प्रोग्राम टीवी पर दिखाना शुरू किया। लोगों ने उसे देखा। युवा पीढ़ी जो रामायण, महाभारत के पात्रों को जानते नहीं थे उनको जाना। उनके बारे में पढ़ा और समझा। इससे लोगों को अपने कल्चर की बेसिक नॉलेज मिली। लोगों का अपने धर्म के प्रति रुझान जागा। इस नजर से कोविड को वो अच्छा मानती हैं।

सनातन धर्म का प्रचार किसी भी रूप में हो अच्छा है

बागेश्वर धाम के महराज पंडित धीरेंद्र शास्त्री की चमत्कारिक शक्ति के बारे में अभिलिप्सा ने कोई भी कमेंट करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा सभी लोगों के सेंटीमेंट अपने-अपने तरह से अलग-अलग लोगों के साथ जुड़े होते हैं। इसलिए मैं ऐसा कोई भी कमेंट किसी के बारे में नहीं करूंगी जिससे लाखों करोड़ों लोगों की भावना को ठेस पहुंचे। उन्होंने कहा कि बागेश्वर धाम महाराज का चमत्कार देखा तो नहीं है, लेकिन सुना जरूर है कि वो ऐसा करते हैं। लेकिन यदि ये सनातन धर्म का प्रचार है तो उसमें कोई सवाल नहीं होना चाहिए। वो अपने धर्म का सुप्रचार कर रहे हैं। चाहे उसका कोई भी तरीका हो उससे किसी को कई परेशानी नहीं होनी चाहिए।

सिंगर नहीं मरीन बायोलॉजिस्ट बनना चाहती हैं अभिलिप्सा

अभिलिप्सा ने बताया कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वो सिंगर बनेंगी। वो बचपन में टीचर बनना चाहती थीं। साइंटिस्ट बनना चाहती थीं, लेकिन सिंगर बनने का सपना उनका कभी नहीं रहा। अब उनका सपना है कि वो बायोलॉजिस्ट बने। इसके लिए वो पढ़ाई भी कर रही हैं।

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