पहली बार दिखा ऐसा शानदार दृश्य, अमृतधारा महोत्सव में खेली गई ब्रज की प्रसिद्ध फूलों की होली
मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर : महाशिवरात्रि के अवसर पर आयोजित अमृतधारा महोत्सव का गत दिवस शानदार समापन हुआ। पहली बार अमृतधारा में विश्व विख्यात ब्रज की फूलों की होली का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार वन्दना एवं समूह की कृष्ण रसरंग की प्रस्तुति पर जनप्रतिनिधि से लेकर सभी दर्शक कृष्ण भक्ति में झूम उठे।
पहले दिन के कार्यक्रम में मशहूर छत्तीसगढ़ी कलाकार दिलीप षड़ंगी के भजन एवं जसगीत का भी लोगों ने आनंद उठाया। जिला प्रशासन द्वारा आयोजित नवीन जिले मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर का यह पहला अवसर रहा। महोत्सव के शुभारंभ समारोह में मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत रहे एवं समापन समारोह में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।
महोत्सव के पहले दिन लोकसभा सांसद ज्योत्सना महंत ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, वहीं अंतिम दिन सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं विधायक भरतपुर-सोनहत गुलाब कमरो ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम में कलेक्टर पीएस ध्रुव, पुलिस अधीक्षक टी आर कोशिमा, सीईओ जिला पंचायत नम्रता जैन, समस्त स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं समस्त जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
दो दिवसीय अमृतधारा महोत्सव का आयोजन बेहद जबरदस्त रहा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बॉलीवुड सिंगर जोड़ी सौरभ-वैभव, अलंकार सूफी बैंड की प्रस्तुति, मशहूर छत्तीसगढ़ी कलाकार सुनील मानिकपुरी, ऋषि रसीला और लोक रंग ने देर शाम तक समां बांधा। स्कूली बच्चों के द्वारा गणेश वंदना, शिव तांडव, देश के अलग अलग राज्यों की झलकियों की प्रस्तुति अद्भुत रही।
पारंपरिक खेलों के साथ एडवेंचर स्पोर्ट्स का लोगों ने लिया मजा
अमृतधारा महोत्सव के दौरान एडवेंचर स्पोर्ट्स एटीवी बाइक राइडिंग, तीरंदाजी, सहित पारम्परिक खेल प्रतियोगिता भौंरा के साथ ही चम्मचदौड़, रस्साकशी, मटकाफोड़, वॉलीबाल, कबड्डी में खिलाड़ियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। बिहान सरस मेले में माटी के बर्तन, समूहों की महिलाओं द्वारा बनाए गए विभिन्न उत्पाद विक्रय हेतु उपलब्ध रहे।
अमृतधारा महोत्सव के दौरान जिले के महिला समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए बिहान सरस मेला का भी आयोजन किया गया। बिहान सरस मेला में मिट्टी के बर्तन, समूहों की महिलाओं द्वारा बनाए गए विभिन्न उत्पाद जैसे मसाले, कोसा साड़ी, रागी, कोदो आदि के मिलेट के लड्डू, पापड़, बाजरा का खाखरा, मनिहारी आदि उत्पाद विक्रय हेतु उपलब्ध रहे, जिन्हें लोगों ने बेहद सराहा।