
Raksha Bandhan 2025: दंतेश्वरी मंदिर में एक दिन पहले मनाया जाएगा रक्षा बंधन का पर्व, 800 साल से निभाई जा रही परंरपरा…
दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में रक्षाबंधन से एक दिन पहले मां दंतेश्वरी मंदिर में रेशम की डोरी से बनी राखी बांधने की परंपरा है. सदियों पुरानी परंपरा को आज भी जीवित रखा गया है. यह परंपरा न सिर्फ धार्मिक आस्था से जुड़ी है, बल्कि नारी शक्ति के सम्मान और रक्षा का प्रतीक भी मानी जाती है.
रेशम की राखी तैयार करने की खास विधि: यह रक्षा सूत्र रेशम के कच्चे सूत से तैयार किया जाता है. इसे खास तरीके से काता और रंगा जाता है. सदियों से तुडपा परिवार इस परंपरा को निभा रहा है. इस परिवार के सदस्य मादरी राउत भंडारी हर साल यह राखी बनाते हैं.
पहले मां शीतला सरोवर में होती है राखी की पूजा: धागा तैयार होने के बाद उसे मां शीतला सरोवर ले जाया जाता है. वहां पूजा कर जल से धोया जाता है. फिर इसे मां दंतेश्वरी मंदिर लाया जाता है.
विशेष अनुष्ठान से मां दंतेश्वरी को चढ़ती है राखी: शाम को इस राखी को चंदन, हल्दी लगाकर मां दंतेश्वरी को बांधा जाता है. साथ ही मंदिर परिसर की सभी मूर्तियों को भी यह रक्षा सूत्र अर्पित किया जाता है.
भैरव बाबा को भी अर्पित होती है राखी: अंत में यह राखी कनकेश्वरी मंदिर के पीछे स्थित भैरव बाबा को भी अर्पित की जाती है. तुडपा परिवार के मुखिया चैन सिंह भंडारी बताते हैं कि यह परंपरा उनके दादा-परदादा के समय से चली आ रही है.