नाबालिग से हैवानियतः रिश्तेदार ने ही बनाया हवस का शिकार, गर्भवती हुई तो की गर्भपात कराने की कोशिश, इस प्रकार हुआ मामले का खुलासा
लक्षद्वीप एक सत्र अदालत ने 2017 में अपनी पत्नी की नाबालिग रिश्तेदार से बलात्कार करने के मामले में एक व्यक्ति को सोमवार को दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। बलात्कार के चलते पीड़िता गर्भवती हो गई थी। कवरत्ती विशेष अदालत के न्यायाधीश के. अनिल कुमार ने व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता के तहत बलात्कार और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) संबंधी अधिनियम के तहत दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि दोनों सजाएं साथ चलेंगी। इसने दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
न्यायालय ने इस मामले में पीड़िता की मां को बरी कर दिया। पीड़िता की मां पर आरोप था कि उसने इस घटना की जानकारी होने के बावजूद इस संबंध में शिकायत दर्ज नहीं कराई। लोक अभियोजक जिबिन जोसेफ ने बताया कि 26 वर्षीय आरोपी पीड़िता की रिश्तेदार का पति है। अभियोजक के अनुसार, पीड़िता से जब फरवरी 2017 में पहली बार बलात्कार किया गया, उस समय उसकी आयु 17 वर्ष थी और इसके बाद उससे कई बार दुष्कर्म किया गया, जिससे वह गर्भवती हो गई।
उन्होंने बताया कि उसके गर्भवती होने पर आरोपी और पीड़िता की मां ने उसका गर्भपात कराने की कोशिश की। अभियोजक ने बताया कि आरोपी ने पीड़िता को इस संबंध में किसी को जानकारी नहीं देने की धमकी दी और पीड़िता की मां को पूरे मामले की जानकारी थी, लेकिन उसने पुलिस को इस बारे में सूचित नहीं किया।