छत्तीसगढ़

नवविवाहित अपने रिश्ते में प्रेम बढ़ाने, उन्हें मजबूत करने के लिए करें ये वास्तु उपाय

बिलासपुर। अक्सर ऐसा देखा गया है कि कई घरों में तमाम अभावों के बावजूद दांपत्य जीवन बढ़िया चलता है, जबकि कई घरों में खूब ऐशो-आराम होने के बाद भी छोटी-छोटी बातों पर कलह का वातावरण रहता है। इसके पीछे का कारण वास्तु दोष हो सकता है और इसकी शुरुआत पति-पत्नी के कमरे से हो सकती है।सुखी दांपत्य जीवन के लिए शयनकक्ष का वास्तु अनुसार होना जरूरी है।

नवदंपती या नवविवाहितों को अपने रिश्ते में प्रेम-प्यार बढ़ाने और उन्हें मजबूत करने के लिए वास्तु के नियम को अपनाना चाहिए। आइए जानते हैं कि वास्तु के अनुसार नवविवाहितों का कमरा कैसा होना चाहिए।

1.उत्तर या उत्तर-पश्चिम के क्षेत्र में शयनकक्ष होगा तो आपसी संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी।2. शयनकक्ष की दीवार, पर्दे, चादर, तकीये आदि का रंग वास्तु के अनुसार ही रखें। यहां पर आप हल्का हरा, आसमानी, गुलाबी, नारंग, सफेद, हल्का नीला, क्रीम जैसे रंगों को इस्तेमाल कर सकते हैं, जिन्हें देखकर मन हमेशा प्रसन्न रहे।

इससे आपके रिश्तों में भी मधुरता आती है। बेडरूम में लाल रंग का बल्ब नहीं होना चाहिए। नीले रंग का लैम्प चलेगा।

3. शयन कक्ष में झाड़ू, जूते-चप्पल, अटाला, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, टूटे और आवाज करने वाले पंखें, टूटी-फूटी वस्तुएं, फटे-पुराने कपड़े या प्लास्टिक का सामान न रखें। शयन कक्ष में धार्मिक चित्र नहीं होना चाहिए।

4. यदि शयन कक्ष अग्निकोण में हो तो पूर्व-मध्य दीवार पर शांत समुद्र का चित्र लगाना चाहिए। शयन कक्ष के अंदर भूलकर भी पानी से संबंधित चित्र न लगाएं, क्योंकि पानी का चित्र पति-पत्नी और ‘वो’ की ओर इशारा करता है।

5. शयन कक्ष में राधा-कृष्ण या हंसों के जोड़े का सुंदर-सा मन को भाने वाला चित्र लगा सकते हैं। इसके अलावा हिमालय, शंख या बांसुरी के चित्र भी लगा सकते हैं। ध्यान रखें, उपरोक्त में से किसी भी एक का ही चित्र लगाएं। इससे दंपती में प्रेम प्यार बढ़ता है।

6. शयन कक्ष में सोते समय हमेशा सिर दीवार से सटाकर सोना चाहिए। पैर दक्षिण और पूर्व दिशा में करने नहीं सोना चाहिए। उत्तर दिशा की ओर पैर करके सोने से स्वास्थ्य लाभ तथा आर्थिक लाभ की संभावना रहती है। पश्चिम दिशा की ओर पैर करके सोने से शरीर की थकान निकलती है, नींद अच्छी आती है।

7. बिस्तर के सामने आईना कतई न लगाएं।

8. शयन कक्ष के दरवाजे के सामने पलंग न लगाएं और दरवाजे करकराहट की आवाजें नहीं करने चाहिए।

9. डबलबेड के गद्दे अच्छे से जुड़े हुए होने चाहिए। खराब बिस्तर, तकिया, परदे, चादर, रजाई आदि नहीं रखें।

10. पलंग का आकार यथासंभव चौकोर रखना चाहिए। इस कक्ष में टूटा पलंग नहीं होना चाहिए।11. पलंग की स्थापना छत के बीम के नीचे नहीं होनी चाहिए।12. लकड़ी से बना पलंग श्रेष्ठ रहता है। लोहे से बने पलंग वर्जित कहे गए हैं।13. शयन कक्ष में कमरे के प्रवेश द्वार के सामने वाली दीवार के बाएं कोने पर धातु की कोई चीज लटकाकर रखें।

14. वास्तुशास्त्र के अनुसार यह स्थान भाग्य और संपत्ति का क्षेत्र होता है। इस दिशा में दीवार में दरारें हों तो उसकी मरम्मत करवा दें। इस दिशा का कटा होना भी आर्थिक नुकसान का कारण होता है।15. बेडरूम की छत गोल नहीं होना चाहिए। अपने बेडरूम में गोल या अंडाकार शेप का बेड न रखें।16. बेडरूम में अटैच टॉयलेट नहीं होना चाहिए। अगर इस्तेमाल में न हो तो अटैच टॉयलेट का दरवाजा बंद रखें।

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