नाबालिक बच्चों का करवा रहे थे बाल विवाह,जिला प्रशासन ने रुकवाया शादी
जांजगीर-चांपा। जिले के अफसरों ने बाल विवाह की सूचना पर मौके पर पहुंचकर शादी रोकी। जिला महिला एवं बाल विकास विभाग को सूचना मिली कि बालिका का विवाह 24 फरवरी को अकलतरा मेें निर्धारित था, जहां बारात पहुंच गयी थी लडक़े की उम्र 33 वर्ष होना पाया गया जिसे महासमुंद जिले का निवासी होना बताया गया जो की गुजरात में कार्यरत है। जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल व चाइल्ड लाइन के कर्मचारियों द्वारा बालिका के तथा बालिका के माता-पिता एवं तथा स्थानीय लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया एवं समझाईस के पश्चात सरपंच एवं स्थानीय लोगों की उपस्थिति में बालिका के माता-पिता की सहमति से बालिका का विवाह रोका गया है टीम द्वारा बालिका को बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत किया जाएगा।
दल में जिला बाल संरक्षण इकाई से पुष्पेंद्र मरकाम सामाजिक कार्यकर्ता कुलदीप कुमार चौहान ओ आर डब्ल्यू वर्कर तथा परियोजना अकलतरा से मधुलिका साहु, प्रमिला बर्मन विरेंद्र कुमार सिह सहा.ग्रेड 2, चाइल्ड लाईन से निर्भय सिंह समन्वयक जोहित कश्यप भुपेश कश्यप तथा पुलिस विभाग अकलतरा से प्रधान आ. संतोष कुमार सावन महिला आ. रश्मि भदोरिया शामिल थे। ज्ञात हो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लडक़ी की उम्र 18 वर्ष तथा लडक़े की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है। निर्धारित उम्र से कम होने की स्थिति में बाल विवाह करने पर पुलिस विभाग द्वारा अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवाह करने वाले माता-पिता, विवाह में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार, विवाह कराने वाले पंडित के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। अधिनियम के तहत 2 वर्ष के कठोर सश्रम कारावास तथा 1 लाख के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जाने का प्रावधान है