जमीन के बदले नौकरी घोटाला … 24 ठिकानों पर छापेमारी, 600 करोड़ की संपत्ति का खुलासा
नयी दिल्ली । जमीन के बदले नौकरी (लैंड फॉर जॉब) मामले में लालू यादव और उनका पूरा परिवार फंसता जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को लालू परिवार के 24 ठिकानों पर हुई छापेमारी के बाद शनिवार को बताया कि इसमें 600 करोड़ की हेराफेरी का खुलासा हुआ है। ईडी ने दावा किया कि तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ कई ठोस सबूत मिले हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नौकरी के बदले जमीन ‘घोटाला’ मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटियों और करीबी सहयोगियों के परिसरों पर शुक्रवार (10 मार्च) को छापेमारी की. ईडी ने शनिवार (11 मार्च) को बताया कि छापेमारी के दौरान क्या मिला है. ईडी ने कहा कि उसे छापेमारी में 1 करोड़ रुपये नकद, 1900 अमेरिकी डॉलर, करीब 540 ग्राम गोल्ड, सोने के 1.5 किलोग्राम जेवरात (इसकी कीमत करीब 1 करोड़ 25 लाख रुपये) और कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज मिले.
ई़डी ने क्या कहा?
ईडी के मुताबिक, मामले की तहकीकात के दौरान पता चला कि करीब 600 करोड़ रुपये में से 350 करोड़ की अचल संपति खरीदी गई और 250 करोड़ रुपये बेनामी प्रोपर्टी के जरिए रूट्स किये गए. जांच में सामने आया कि इसमें से ज्यादातर जमीन पटना के पॉश इलाकों में गलत तरीके से तत्कालीन रेलवे मंत्री लालू यादव के जरिए भारतीय रेलवे में जॉब देने के नाम पर हड़प ली गई. इनकी आज के दौर में कीमत 200 करोड़ रुपये है.
जिनके नाम पर बेनामी प्रोपर्टी, शेल कंपनी और जिन्हें फायदा पहुचाया गया उनकी पहचान की गई है. न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी का बंगला मेसर्स एबी एक्सपोर्ट प्राइवेट के नाम पर है, जबकि असल मे उस पर नियंत्रण बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और उनके परिवार का है. कागजों में इस प्रोपर्टी की कीमत महज 4 लाख रुपये दिखाई गई है, लेकिन इसकी असली कीमत 150 करोड़ रुपये है.
ईडी ने बताया कि अब तक की गई पीएमएलए जांच से पता चला है कि पटना और इसके आसपास अवैध रूप से लालू परिवार ने जमीनों का अधिग्रहण किया है। ये जमीनें लालू के परिवार ने रेलवे में नौकरी देने के नाम पर ली हैं। जमीन का इस समय रेट 200 करोड़ रुपये है। जमीन देने और लेने वालों की पहचान कर ली गई है। ईडी ने इन जमीनों की रजिस्ट्री के लिए खड़े किये गये कई बेनामी लोगों, फर्जी संस्थाओं और दूसरे लोगों की पहचान की है।