रायगढ़: अगले सत्र से पहले स्कूलों की मरम्मत को शासन ने प्राथमिकता में रखा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने स्वयं इस संबंध में ‘मुख्यमंत्री स्कूल जतन’ योजना की घोषणा की है। शासन द्वारा स्कूलों का सर्वे कर मरम्मत योग्य स्कूलों की जानकारी मंगाई थी। जिसके आधार पर लोक शिक्षण संचालनालय से बजट जारी कर दिया गया है। खास बात यह है कि जारी बजट में रायगढ़ के स्कूलों के मरम्मत के लिए 97 करोड़ 10 लाख रुपए की मंजूरी दी गई है। शासन द्वारा पूरे प्रदेश के स्कूलों के लिए 369 करोड़ 83 लाख रुपए जारी किए हैं। जिसमें से एक चौथाई से अधिक राशि रायगढ़ जिले को प्राप्त हुआ है।
इसके पूर्व शासन ने स्कूलों के मरम्मत के लिए 10 करोड़ 11 लाख रुपए और 1962 से पहले निर्मित पहले के स्कूलों के लिए 4 करोड़ 8 लाख रुपए स्वीकृत किए थे। इसके साथ ही जिले में सीएसआर से 15 करोड़ 72 लाख और डीएमएफ से 2 करोड़ 01 लाख रुपए की स्वीकृति कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने दी है। इन सभी को मिलाकर जिले के स्कूलों के लिए 128 करोड़ 66 लाख रुपए स्कूलों की मरम्मत के लिए दिए जा रहे हैं।
कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने अपनी पदस्थापना के साथ ही जिले में शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिए विभागीय काम काज की गहन समीक्षा की। जिसमें स्कूलों में मरम्मत और अतिरिक्त कक्ष निर्माण की जरूरत प्रमुखता से सामने आयी।
जनचौपाल में भी इस बाबत कई आवेदन भी प्राप्त होते रहते थे। इसको देखते हुए कलेक्टर श्री सिन्हा ने जिला शिक्षा अधिकारी को सभी स्कूलों का सर्वे करवाकर प्रपोजल तैयार करने के लिए निर्देशित किया था। जिसके पश्चात जिले के सभी विकासखंडों में ऐसे स्कूल जिनमें मरम्मत की आवश्यकता है उसकी लिस्ट तैयार कर शासन को भेजा गया। कलेक्टर श्री सिन्हा ने स्वयं इस कार्य की नियमित समीक्षा की। जिसका परिणाम ये रहा कि रायगढ़ जिले के सर्वाधिक स्कूलों के मरम्मत कार्य प्रस्ताव में शामिल किए गए तथा जारी बजट का लगभग एक तिहाई रायगढ़ जिले को मिला