बीजापुर। भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के आरोप – प्रत्यारोप वाले बयानों से जिले के सियासी माहौल में उबाल आ गया है। कांग्रेस के वर्तमान विधायक विक्रम मंडावी ने भाजपा के पूर्व वनमंत्री महेश गागड़ा और भाजपा के उपाध्यक्ष लव कुमार रायडू पर तेंदुपत्ता ठेकेदार को डरा -धमकाकर 91 लाख रूपये की मोटी रकम वसूलने का गंभीर आरोप लगाया है।
विधायक विक्रम ने बुधवार को अपने निवास पर प्रेसवार्ता के दौरान ये आरोप लगाया है की कुछ रोज पहले तेन्दुपत्ता परिवहनकर्ताओं को ठेकेदार द्वारा भुगतान नहीं करने के संबध में भाजपा के पूर्वमंत्री के अगुवाई में भाजपा के कार्यकर्त्ताओं ने चक्काजाम किया था। इस मामले को लेकर विधायक विक्रम ने महेश गागड़ा और लव कुमार रायडू पर दोषारोपण करते हुए कहा की तेंदुपत्ता ठेकेदार सुधीर कुमार मणिक से भाजपा के दोनों नेताओं ने डरा-धमकाकर 91 लाख की वसूली की है।
यह रूपये तेंदुपत्ता मजदूरों की मेहनत का है जिसे महेश गागड़ा ने अपने रिश्तेदारों के खातों में डलवाया है। परिवहन भुगतान के नाम पर अतरिक्त दबाव बनाकर इस लूट के खेल को खेला गया है जिसमें दोनों भाजपा के नेताओं के संलिप्तता सीधे तौर पर जुड़े है।
वहीं कांग्रेस के इस आरोप के बाद
भाजपा के नेता महेश गागड़ा ने विधायक के इस आरोप के बाद पत्रकारवार्ता कर पलटवार करते हुए कहा की विधायक ने जो मुझ पर वसूली का जो निराधार आरोप लगाया है उसे वे सिद्ध करें नहीं तो मानहानि के लिए वे तैयार रहे। गागड़ा ने आगे कहा की विदित हो कि भैरमगढ़ ब्लॉक के इंद्रावती नदी तट पर बसे आदिवासी ग्रामीणों का तेंदूपत्ता तोड़ाई और वाहन से ढुलाई का भुगतान एक वर्ष से नही होने को लेकर ग्रामीणों ने पूर्व मंत्री से शिकायत की थी, इस विषय को लेकर डीएफओ से शिकायत की गई और भाजपा ने नेशनल हाइवे जाम कर विरोध भी किया था।
जिसके बाद भी आज पर्यंत तक लाखों रुपये का भुगतान नही हुआ है। इसी विषय को लेकर विधायक ने गागड़ा पर पैसे लेनदेन का आरोप लगाया है।गागड़ा ने कहा की आदिवासियों के हित में खड़ा न होकर ठेकेदार का प्रवक्ता बनकर निराधार आरोप लगा रहे हैं, विधायक को चुनौती है वे आरोप सिद्ध करे चूंकि क्षेत्र में बन रही बुरी स्तिथि से घबराकर उलजुलूल बयान दिया है आरोप निराधार और हास्यप्रद है,विभाग,सरकार और पुलिस इनकी है वे जांच करवाएं।
वहीं गागड़ा ने कहा भाजपा हितग्राहियों के हित मे ज्ञापन, पुलिस,विभागीय,मीडिया,सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से लड़ रही है लेकिन विधायक कहीं न कहीं ठेकेदार और डीएफओ को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। आंदोलन के बाद भी भुगतान नही हुआ है इस पर विधायक चुप्पी क्यों साधे हैं आगामी दिनों में डीएफओ कार्यालय घेराव किया जायेगा इस आंदोलन को भटकाने के लिए इस प्रकार का आरोप लगा रहे हैं।
गागड़ा ने कहा की विधायक के आरोप पर पुलिस अधीक्षक को आवेदन दे रहा हूँ। उक्त विषय पर निष्पक्ष जांच हो और जांच दस दिवस के भीतर हो जांच में दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। वहीं विधायक अपने आरोप को साबित करे दस दिन तक आरोप साबित नहीं होता है तो विधायक पर मानहानि का दावा करने की बात गागड़ा ने कही है।