बिलासपुर: बेमौसम बारिश की मार से प्रभावित, गेहूं की नई फसल ने आमद देनी चालू कर दी है लेकिन दानों में रहने वाली चमक की जगह हल्की सफेदी देखी जा रही है। सीधा असर कीमत पर पड़ने लगा है। इसमें तेजी लगभग एक माह बाद ही आने की धारणा है
गेहूं की नई फसल पर नजर रख रहे कृषि वैज्ञानिकों की बड़ी चिंता दूर होती नजर आती है क्योंकि दानों का मानक आकार छोटा तो आ रहा है और चमक भी वैसी नहीं रही लेकिन हल्की सफेदी लिए इन दानों की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं आई हैं। जो पोषक तत्व होने चाहिए, वह भी बने हुए हैं। उत्पादन में भी वैसी गिरावट नहीं देखी जा रही है, जिसका अंदेशा था।
ठीक परिपक्वता अवधि के दिनों में हुई अचानक बारिश ने तैयार हो रही गेहूं की फसल पर प्रतिकूल असर डाला। अब कटाई और मिसाई दोनों चालू है। जो दाने आ रहे हैं, उनमें प्राकृतिक चमक खत्म हो चुकी है और इसकी जगह सफेदी ने ले ली है। यह सीधे-सीधे उस गेहूं के बाजार मूल्य पर असर डाल रहा है, जहां चमक के आधार पर ही भाव तय होता है।
हैं बरकरार पोषक तत्व
बेमौसम बारिश से गेहूं की फसल को नुकसान की आशंका थी लेकिन आ रही फसल के दानों में जरूरी पोषक तत्व बने हुए हैं। रोटी के लिए जरूरी गुण भी बरकरार हैं। यह जरूर देखा जा रहा है कि दानों का मानक आकार कम है लेकिन उत्पादन में खास फर्क आता दिखाई नहीं देता।
स्थिर है भाव
चमक की जगह हल्की सफेदी वाले दानों की वजह से मंडियों में पहुंच रही गेहूं की नई फसल की कीमत 1900 से 2100 रुपए क्विंटल बोली जा रही है। स्थिर चल रही इस कीमत में तेजी मई से लेकर जुलाई के महीनों में ही देखी जाने की संभावना मंडी सूत्र व्यक्त कर रहें हैं। यह इसलिए क्योंकि फिलहाल स्टॉकिस्ट ही खरीदी कर रहें हैं।
पोषक तत्वों पर असर नहीं
परिपक्वता अवधि के दिनों में हुई बारिश से गेहूं के दानों का मानक आकार जरूर कम हुआ है। प्राकृतिक चमक की जगह जो सफेदी देखी जा रही है, उससे पोषक तत्वों पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ा है।
– डॉ. ए.पी.अग्रवाल, प्रिंसिपल साइंटिस्ट (प्लांट ब्रीडिंग), बीटीसी कॉलेज ऑफ एग्री एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर