आरंग। शासकीयकरण की एक सूत्रीय मांग को लेकर पंचायत सचिवो का आज अनिश्चितकालीन हड़ताल का 26 वा दिन हैं। आज पूरे प्रदेश के सचिव ब्लॉक स्तर पर बाईक रैली निकाल कर मुख्यमंत्री के नाम अनुभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपे हैं।
इसी क्रम में आरंग जनपद पंचायत के सचिवों द्वारा भी चंदखुरी के मां कौशिल्या से आशिर्वाद लेकर मंदिर प्रांगण से रैली निकालते हुए आरंग पहुंची और वहां अपने शासकीय करण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एस डी एम अतुल विश्वकर्मा को ज्ञापन सौंपा गया हैं।
ज्ञात हो कि सचिवों के अनिश्चित कालीन हड़ताल में चले जाने से पंचायतों में कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो गया है। पंचायत सचिव अपनी एक सूत्रीय मांग परीक्षा अवधि पश्चात शासकीयकरण को लेकर छत्तीसगढ़ के सभी ब्लॉक मुख्यालय में काम बंद कलम बंद अनिश्चितकालीन हड़ताल में चले गए हैं। ब्लॉक भर के सचिव जनपद पंचायत के सामने पंडाल लगाकर धरने पर बैठे है।
आरंग सचिव संघ के ब्लॉक अध्यक्ष सतीश नारंग व श्रीमती पुष्पा गोस्वामी ने बताया कि चुनाव के समय कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने घोषणा पत्र में शासकीयकरण करने का वादा किया गया था। मुख्यमंत्री के द्वारा उनके निवास में प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की थी। सचिवों के साथ नियुक्त अन्य विभाग के कर्मचारी जैसे शिक्षाकर्मी, वनकर्मी, लोकनिर्माण विभाग के कर्मी को शासकीयकरण कर दिया गया है। परंतु सचिव शासकीयकरण से वंचित है।
गांवों में लोगों को हो रही परेशानी
पंचायत सचिवों के हड़ताल में चले जाने से पंजीयन, जाति-निवास, राशनकार्ड, सामाजिक सहायता कार्यक्रम अंतर्गत वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, सुखद सहारा पेंशन, मुख्यमंत्री पेंशन, राष्ट्रीय परिवार सहायता श्रद्धांजलि योजना, पेयजल व्यस्था, शौचालय निर्माण, वन अधिकार पट्टा वितरण, स्वामित्व योजना सर्वेक्षण, ग्राम सभा बजट निर्माण, निर्माण कार्य एवं वित्तीय वर्ष के अंतिम माह होने से लेखा-जोखा कार्य पूर्ण रूप से प्रभावित हुआ है।
हक के बाद भी वंचित हैं कर्मचारी
पंचायत सचिवों ने बताया कि 27 वर्ष बाद भी शासकीय सेवक नहीं हो सके हैं। वहीं उन्हें पंचायती क्रमोन्नति-पदोन्नति, बीमा, ग्रेच्युटी नहीं मिल रहा। जब छग शासन की गौठान के समस्त कार्य लेकर तमाम तरह के कार्यों का संपादन पंचायत सचिवों द्वारा किया जा जा रहा है। लेकिन लंबे समय से मांग उठाने के बाद भी उनकी अनदेखी की गई है। कांग्रेस ने खुद विधानसभा चुनाव के पहले घोषणा पत्र में पंचायत सचिवों को शासकीय सेवक का दर्जा देने का वादा किया था। लेकिन अब पूरा कार्यकाल खत्म होने को आया, सरकार ने पहल नहीं की है।
बजट में नहीं किया शामिल, हुए निराश
सचिव संघ के प्रतिनिधि मंडल के समक्ष शासकीयकरण आश्वस्त किया था, परन्तु छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा छह मार्च को प्रस्तुत बजट में पंचायत सचिवों शासकीयकरण का कोई प्रावधान नहीं होने से 10568 पंचायत सचिव व उनके परिवार दुखी हैं। मंडल से 24 जनवरी 2021 को प्रदेश के 70 विधायकों ने भी सचिवों का दिसंबर 2021 तक पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने का वादा करने के लिए अनुशंसा किया है।