बिलासपुर: में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा नेता की बेटियां करें तो लव है और दूसरे लोग करे तो जिहाद है। भाजपा को यह जवाब देना चाहिए कि उनके बड़े नेता की बेटी कहां है और किसके साथ है। ये पार्टी प्रदेश में केवल दो मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहती है। उनके पास धर्मांतरण और सांप्रदायिक ही मुद्दा है। वहीं, कांग्रेस किसानों, मजदूरों, आदिवासी, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी।
बिलासपुर जिले के अकलतरी पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बेमेतरा में दो बच्चों के झगड़े में मौत हुई है। किसी की भी मौत होना दुखद है। लेकिन, भाजपा ने ऐसा माहौल बना दिया कि छत्तीसगढ़ में क्या हो रहा है। उन्होंने कहा कि बिरनपुर मामले को लेकर भाजपा सिर्फ राजनीतिक रोटी सेंक रही है।
साहू समाज ने बहुत संयम से काम लिया
उन्होंने कहा कि जिस तरह की घटना हुई है, उसे रोकना हम सबकी जिम्मेदारी है। केवल शासन-प्रशासन से यह संभव नहीं है। इस मामले में साहू समाज के लोगों ने बहुत संयम से काम लिया है और जो सही चीज है, उसे सामने लाकर रखा। वे लोग धन्यवाद के पात्र हैं। हमने उस पर कार्रवाई भी की है।
रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ के विकास को 15 साल पीछे ढकेल दिया
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि रमन सिंह ने 15 साल में छत्तीसगढ़ को बहुत पीछे ढकेल दिया है। यहां 40% लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे हैं। बस्तर में छह सौ गांव को उजाड़ दिया गया। स्कूल तबाह हो गए, हास्पिटल की कोई व्यवस्था नहीं थी। लेकिन, कांग्रेस ने इन सभी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की है, जिसके आधार पर हम जनता से वोट मांगेंगे।
भाजपा की दोहरी नीति उजागर
उन्होंने कहा कि दो मुद्दों पर भाजपा की दोहरी नीति उजागर हुई है और राजनीतिक रोटी सेंक रहीह है। उन्होंने जशपुर के कोरवा आदिवासियों की मौत और बेमेतरा के बिरनपुर घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि पहली घटना में भाजपा ने कमेटी गठित की और रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपा गया। लेकिन, दूसरी घटना में कोई कमेटी गठित नहीं की गई और भाजपा के सारे सांसद भीड़ के साथ जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा मृतक परिवार को संवेदना प्रकट करने नहीं, बल्कि, आग लगी थी उसमें पेट्रोल डालने गए थे।
किसान, मजदूर और युवाओं पर फोकस
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बजट में जिन लोगों के लिए सरकार ने काम किया है, वे आभार प्रदर्शन करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करना चाहते हैं। जिस तरह से सरगांव में भरोसा सम्मेलन हुआ, उसी तरह बस्तर में प्रियंका गांधी को पहली बार आमंत्रित किया गया है, जिसमें महिला, आदिवासी और युवाओं के लिए है सम्मेलन है।