छत्तीसगढ़

सरकार ने बनाया नियम, ये लोग नही पकड़ सकते मछली! खतरे में रोजी रोटी

जानकारी: दुनिया में ऐसे कई लोग हैं, जिनकी रोजी-रोटी मछली पकड़ने से चलती है. ये मछुआरे रात को ही समुद्र में उतर जाते हैं. फिर पूरी रात जाल बिछाने के बाद सुबह किनारे आकर उन्हीं मछलियों को बेचकर अपना घर चलाते हैं. लेकिन लगता है कि यूके की सरकार इन मछुआरों की मुश्किल और चैलेंजिंग लाइफ में और थोड़ा मसाला डालना चाहती है. अब इस देश में फिक्स वजन के ऊपर के लोग मछली नहीं पकड़ सकेंगे. जी हां, यूके के नए International Labour Organisation’s Work के नियमों के मुताबिक़, अब मोटे लोगों को समुद्र में मछली पकड़ने की मनाही होगी.

फिशिंग कन्वेंशन के इन नियमों को 2018 में ही अडॉप्ट कर लिया था. लेकिन उस समय मछुआरों को पांच साल का समय दिया गया था. अगर कोई मोटा है, तो वो जिम और डाइटिंग के जरिये अपना वजन कम कर मछली पकड़ सकता था. लेकिन अब उन्हें मिली अवधी खत्म हो गई है. अब अगर समुद्र में ऐसा कोई भी शख्स दिख गया, जिसका बीएमआई 35 के ऊपर है, तो उसे अरेस्ट कर लिया जाएगा. नए मेडिकल रुल्स के मुताबिक़, मछुआरों का बीएमआई 35 से 40 के बीच रहना बहुत जरुरी है.

लेना होगा सर्टिफिकेट

मछली पकड़ने के लिए नवंबर के बाद से मछुआरों को मेडिकल सर्टिफिकेट चाहिए होगा. अगर उस सर्टिफिकेट में मछुआरों का बीएमआई 35 से 40 के बीच का नहीं निकला, तो उसे मछली पकड़ने की परमिशन नहीं है. जैसे ही ये बात मछुआरों को पता चली, सभी जिम में एक्सरसाइज करने पहुंच गए. इतना ही नहीं, कई को डायटीशियन से सलाह लेते देखा जाने लगा. वहीं कुछ ने इस फैसले के लिए लीगल एडवाइज लेने का भी फैसला किया.

मछुआरों को दुर्घटना से बचाने के लिए बना नियम

खतरे में रोजी रोटी

सरकार का कहना है कि उसने ये फैसला मछुआरों के हित के लिए किया है. ज्यादा वजन के साथ समुद्र में उतरना उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है. वहीं मछुआरों का कहना है कि इस फैसले की वजह से उनकी रोजी-रोटी खतरे में पड़ गई है. उनका कहना है कि अब या तो वो घर चलाने के लिए काम पर जाएं, या फिर अपने काम को कंटीन्यू रखने के लिए जिम जाएं. जितने पैसे वो कमा नहीं पाते, इससे अधिक तो डायटिंग में खर्च हो जायेंगे. फिलहाल मचारों की ये समस्या सॉल्व नहीं हुई है. वो अभी भी वजन कंट्रोल करने की कोशिश में लगे हुए हैं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button