अतीक अहमद ने PM मोदी के खिलाफ जेल से लड़ा था लोकसभा का चुनाव
गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात प्रयागराज में हत्या कर दी गई. यह वारदात तब घटी, जब पुलिस दोनों भाइयों को प्रयागराज के एक अस्पताल में मेडिकल चेकअप के लिए ले जा रही थी. बता दें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अतीक ने वाराणसी की सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा था
साल 2019 में वाराणसी सीट में पीएम मोदी के सामने कई चुनौतियां थीं, उनमें से एक अपना चुनाव जीतना भी था. इस चुनाव में पीएम मोदी के सामने सपा की शालिनी यादव, कांग्रेस से अजय राय समेत 27 उम्मीदवार थे. इनमें से एक अतीक अहमद (निर्दलीय) का भी नाम था. उस समय अतीक जेल से बैठकर पीएम मोदी को चुनौती दे रहा था.
अतीक अहमद को मिले थे इतने वोट
बता दें कि इस चुनाव में पीएम मोदी ने 6 लाख 47 हजार 664 वोट हासिल कर प्रचंड जीत हासिल की थी. वहीं, प्रधानमंत्री मोदी के सामने अतीक की एक भी न चली और महज 855 वोटों के साथ उसे करारी शिकस्त भी मिली. साथ ही इस चुनाव में अतीक की जमानत भी जब्त हुई थी.
अतीक अहमद था खौफ का दूसरा नाम
बता दें कि इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में अतीक अहमद खौफ का दूसरा नाम था. वह समाजवादी पार्टी का नेता था. इसी पार्टी के टिकट पर वह उत्तर प्रदेश विधानसभा और लोकसभा तक भी पहुंचा था. अतीक अहमद इलाहाबाद वेस्ट कॉन्स्टीट्वेंसी से रिकॉर्ड लगातार 5 बार विधायक चुना गया था. सबसे पहले वह 1989 में यहां से चुनाव जीता था. 1989 में वह निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीता.
1989 में निर्दलीय विधायक के रूप में जीता
इसके बाद राजनीति में उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 1989 में निर्दलीय विधायक चुने जाने के बाद अतीक अहमद अगले दो विधानसभा चुनावों में भी निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीता. इसके बाद 1996 में उसने समाजवादी पार्टी के टिकट पर लगातार चौथी बार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की. 1999 से 2003 तक वह सोने लाल पटेल द्वारा बनाए गए अपना दल का अध्यक्ष था. इक दौरान 2002 में अपना दल के टिकट पर वह पांचवीं बार विधायक बना.
2004 के लोकसभा चुनाव में अतीक अहमद फूलपुर सीट से था प्रत्याशी
साल 2004 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अतीक अहमद को उत्तर प्रदेश की फूलपुर सीट से अपना प्रत्याशी बनाया. अतीक ने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की और लोकतंत्र के अंदिर कहे जाने वाली संसद में जा बैठा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस के रिकॉर्ड में अतीक अहमद पहला व्यक्ति था, जिस पर उत्तर प्रदेश में गैंगस्ट्र एक्ट लगा था. कहा जाता है कि साल 1979 में अतीक अहमद ने जु्र्म की दुनिया में कदम रखा. उस समय उस पर एक हत्या का आरोप लगा था.