छत्तीसगढ़

आरक्षण से जुड़ी बड़ी खबर, राज्यपाल ने लौटाया आरक्षण विधेयक, मंत्री रविंद्र चौबे ने कही ये बड़ी बात

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कई महीनों से आरक्षण विधेयक को लेकर भाजपा और कांग्रेस में तनातनी थी जिसके बाद अब बड़ी खबर सामने आ रही है कि राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन ने आरक्षण विधेयक लौटा दिया है। राज्यपाल ने विधानसभा से पारित आरक्षण विधेयक लौटा दिया है। इस मामले में संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि हमारे पास और विकल्प है। हम दोबारा विधेयक भेज सकते हैं। रविंद्र चौबे ने कहा कि बीजेपी आरक्षण विरोधी है। छत्तीसगढ़ की जनमत के आधार पर हमने ये विधेयक पारित किया था। 4 महीने बाद विधेयक लौटाने का क्या कारण है?

मत्री कवासी लखमा ने कहा कि ये काम राज्यपाल को पहले कर देना चाहिए था। बीजेपी देश में आरक्षण विरोधी है। हमने पूर्व और वर्तमान से मुलाकात की थी, और मुलाकात करेंगे। बता दें कि, 2 दिसंबर को विशेष सत्र में आरक्षण विधेयक पारित हुआ था। इसके बाद प्रदेश के कई बड़े नेताओं ने पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात कर विधेयक सौंपा था।

2 दिसंबर 2022 को विशेष सत्र में आरक्षण विधेयक पारित हुआ था जिसमे 76 फीसदी आरक्षण संशोधित कर हस्ताक्षर के लिए भेजा गया था। लम्बे समय तक विषयक हस्ताक्षर के लिए राजभवन में अटका रहा जिसके बाद अनुसुइया उइके को मणिपुर का राज्यपाल बनाकर भेज दिया गया। नए राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन से सीएम भूपेश बघेल और मंत्रियों ने इस मामले में मुलाकात कर विधेयक पर हस्ताक्षर करने का आग्रह किया था।

आरक्षण विधेयक :

26 दिसंबर – सरकार ने सवालों का जवाब दिया

14 दिसंबर – अनुसुइया उइके ने सवाल पूछे

27 दिसंबर – सर्व आदिवासी समाज का प्रदर्शन

4 जनवरी – आरक्षण पर बीजेपी का प्रदर्शन

6 फरवरी – बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई

2 जनवरी – विधानसभा शीत सत्र में हंगामा

3 जनवरी – कोंग्रेस ने जन अधिकार महारैली निकाली

20 मार्च – नए राज्यपाल से कांग्रेस MLA मिले

17 अप्रैल – सीएम भूपेश ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी

18 अप्रैल – राज्यपाल ने सीएम से बात करने कहा

21 अप्रैल – राजभवन ने संशोधित आरक्षण विधेयक लौटाया

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