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विचारों को जन-आंदोलन का रूप देने का एक सशक्त मंच है ‘मन की बात’ : राज्यपाल

रायपुर मन की बात केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि विचारों को जन-आंदोलन का रूप देने का एक सशक्तर मंच भी है। यह बात राज्यापाल, विश्वेभूषण हरिचंदन ने राजभवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रेडियो कार्यकम ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड के विशेष स्क्रीनिंग के अवसर पर कही। इस कार्यक्रम में पद्मश्री श्रीमती शमशद बेगम, पद्मश्री जे.एम.नेलसन, पद्मश्री श्रीमती फूलबासन बाई, पद्मश्री पुखराज बाफना, पद्मश्री धर्मपाल सैनी, पद्मश्री डॉ. आर.एस. बारले, पद्मश्री उषा बारले, पद्मश्री अजय कुमार मंडावी और पद्मश्री डोमार सिंह कंवर विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे । इसके अलावा इनफ्लूएन्स्र श्रीमती शांति नेताम, रोशनी पटनायक, डॉ. परदेशी राम वर्मा, आकृति ताम्रकार, उमाशंकर कश्यउप, चंद्रहास साहू, विश्व नाथ पाणिग्रही सुप्रसिद्ध भजन गायक प्रभंजय चतुर्वेदी और अंतरराष्ट्री य क्रिकेटर राजेश चौहान विशेष रूप से उपस्थित थे ।

राज्यपाल, विश्वाभूषण हरिचंदन ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन इस मायने में ऐतिहासिक है कि यह 3 अक्टूबर, 2014 को शुरू हुए इस कार्यक्रम की लोकप्रियता और इसकी निरंतरता को दर्शाता है । उन्होंने कहा कि मन की बात केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि लोगों को प्रेरणा देने, हमारे बीच के प्रेरक प्रसंगों को सामने लाने और नये भारत के निर्माण के लिए जरूरी विचारों को जन-आंदोलन का रूप देने का एक सशक्तन मंच बन गया है । उन्होंकने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम के माध्यनम से लोगों के साथ सीधे और दो-तरफा संवाद कर विकास की इस यात्रा में लोगों की भागीदारी को बढ़ाया है ।

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