कांकेर

नक्सलियों ने पति की जान ले ली…और अब गांव के दबंगो ने बेवा का कर दिया हुक्का-पानी बंद,

कांकेर। नक्सल प्रभावित कांकेर जिला से दबंगो के तालिबानी फरमान का सनसनीखेज मामला सामने आया हैं। यहां एक बेवा और उसकी दो बेटियों का गांव से हुक्का पानी बंद कर दिया गया। गांव के दबंगो के इस फरमान के बाद अब पीड़ित महिला और उसकी दो बेटियां दर-दर भटकने को मजबूर हैं। वही इस मामले की शिकायत कलेक्टर से की गयी थी। कलेक्टर ने एसडीएम को जांच का आदेश जरूर दिया हैं, लेकिन नतीजा कुछ भी नही निकल सका है। ऐसे में अब पीड़ित बेवा महिला और उसकी बेटी सोशल मीडिया में विडियों जारी कर मदद की गुहार लगा रही हैं।

नक्सल प्रभावित कांकेर जिला़ में तालिबानी फरमान का ये पूरा मामला बांदे थाना क्षेत्र का हैं। यहां के ग्राम पी.वी.105 विकास पल्ली में रहने वाली सुषमा हालदार ने कांकेर कलेक्टर से लिखित शिकायत की हैं। शिकायत में बेवा महिला ने बताया हैं कि 10 साल पहले उसके पति को पुलिस मुखबिर बताकर नक्सलियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पति की हत्या के बाद दहशत में आयी सुषमा हालदार ने अपनी दो बेटियों को लेकर जगदलपुर चली गयी थी। क्षेत्र में नक्सली दहशत कम होने पर वह दोबारा अपनी बेटियों के साथ वापस ग्राम पी.वी. लौटी और खेती किसानी करने के साथ ही स्कूल में मध्यान्ह भोजन बनाने का काम कर रही थी।

महिला का आरोप हैं कि गांव में रहने वाले सुब्रत राय का मुखिया ने हुक्का पानी बंद कर दिया गया था। गांव के लोगों को सुब्रत राय से बात करने पर मनाही थी। पीड़ित महिला का आरोप हैं कि एक दिन साप्ताहिक बाजार में तबियत खराब होने पर सुब्रत राय ने उसे अपनी बाइक से गांव तक छोड़ा गया। जिस बात को लेकर 29 अप्रैल को गांव के मुखिया ने बेवा सुषमा के परिवार का भी हुक्का पानी बंद करने का आदेश दे दिया गया। साथ ही पीड़ित बेवा को शासकीय दुकान से राशन के आबंटन पर रोक लगाने के साथ ही निजी दुकानों से भी सामान देने पर मनाही कर दी गयी। इसके साथ ही गांव से पानी देने पर भी पाबंदी लगाते हुए तालिबानी फरमान जारी कर दिया गया।

पीड़ित बेवा का आरोप हैं कि जब उसने गांव के मुखिया से मिलकर इस सजा की जानकारी ली गयी, तो उल्टे उसे गांव से बाहर निकल जाने का फरमान दे दिया गया। पीड़ित महिला ने अपने आवेदन में अपनी बेटियों के साथ कभी भी कोई अनहोनि होने की शंका जाहिर करते हुए कलेक्टर से मदद की गुहार लगायी गयी हैं। वही इस मामले पर कलेक्टर ने एसडीएम को जांच का आदेश देते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया गया हैं। पीड़ित बेवा और उसकी बेटी द्वारा सोशल मीडिया में विडियों जारी कर गांव के दबंगो से बचाने की गुहार लगायी जा रही हैं। देखने वाली बात होगी कि इस पूरे घटनाक्रम में पीड़ित परिवार को समय रहते न्याय मिल पाता हैं, या फिर पुलिस प्रशासन किसी अनहोनि के बाद जागती हैं, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button