भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने आज भाजपा के प्रतिनिधि मंडल एवं कार्यकर्ताओं के साथ गोठान का अचानक निरीक्षण किया, बड़ी संख्या में पत्रकार गण भी साथ रहे। सभी ने गौठान का हाल देखा, जिसमे न गाय मिली,न गोबर बेचा जा रहा था, गोठान में गाय के रखरखाव हेतु कोई व्यवस्था नहीं मिली, ऐसा लगा यहां कभी गाय रही ही नही।
प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा
कांग्रेस की सरकार जबसे सत्ता में आयी है, उसने बेदर्दी से प्रदेश के संसाधनों की लूट की है। रोज़ प्रकाश में आते घपले-घोटालों की खबरों से छत्तीसगढ़ शर्मसार हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ को कलंकित किया है। सबसे शर्मनाक घोटाला इस सरकार ने गोमाता के नाम पर किया है।
कथित नरवा, गरवा, घुरवा, बारी के नाम पर इसने वोट हासिल किया। छत्तीसगढियों की भावना से खिलवाड़ किया और इस मद में भी अभी तक सामने आए तथ्यों के अनुसार गोठान के नाम पर विभिन्न मदों से खर्च की गयी 1,300 करोड़ से अधिक की राशि का दुरुपयोग कर इसमें भारी घोटाला किया गया है।
हम अभी शासन का एक गोठान देखने आए हैं, आप सब इसे देख कर समझ सकते हैं कि इसके नाम पर भी कैसा गोरखधंधा किया गया है। जब राजधानी के पास के गोठान का यह हाल है, तो गांव देहातों के गोठान और उस के नाम पर मची लूट की कल्पना कर लीजिए।
गोठान के नाम पर चल रहे गोरखधंधे में कांग्रेस सरकार ने सबसे अधिक पंचायतों/सरपंचों के हक पर ही डाका डाला है। विभिन्न मदों में पंचायतों के विकास के लिए आयी राशि को सरपंचों से छीन कर सीधे उसे अनेक बहानों के साथ बंदरबांट कर लिया गया है।
– सरकारी दावे के अनुसार ही बात करें तो प्रदेश में कथित तौर पर 9790 गोठान कार्यरत हैं। शोभा के लिए बने कुछ कथित ‘आदर्श गोठानों’ को छोड़ दें तो कहीं भी कोई व्यवस्था नहीं है।
– भूपेश जी कहते हैं कि प्रत्येक गोठान में लगभग 8 लाख से 19 लाख रुपया खर्च किया है। इसके अलावा 10 हजार रुपया प्रतिमाह रखरखाव के नाम पर अलग से गोठानों के नाम पर भेजा जा रहा है, उसका अधिकांश भाग भ्रष्टाचार की ही भेंट चढ़ रहा है।
– घोटाले बिना रोक-टोक के जारी रहे इसलिए नियमानुसार गोठान समिति का चुनाव भी नहीं कराया गया है। बड़ी संख्या में इसमें सत्ता के क़रीबियों ने बिना चुनाव के ही कब्जा कर लिया है।
– भारत सरकार ने मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, 14वां वित्त, 15वां वित्त, एलड्ब्ल्यूजी, रूर्बन, डीएमएफ जैसे मदों में राशि भेजी है। उस पैसों को भी डायवर्ट कर गोठान के नाम पर भारी भ्रष्टाचार किया गया।
– विकास कार्यों के लिए आए तमाम पैसों को डायवर्ट कर देने के कारण पंचायतों में पैसे ही नहीं बचे। सभी जगह विकास के तमाम कार्य ठप हैं। गांवों में रोड, नालियां आदि बनना बंद है।
– प्रत्येक गोठान में 300 गाय रखने का नियम है। शायद ही किसी में इतनी गायें हों।
– इसी तरह गोबर खरीदी के नाम पर प्रति माह करोड़ों का भुगतान कांग्रेस सरकार कर रही है। लेकिन वे पैसे कहां जाते हैं, इसका कोई पता नहीं है। इस ख़रीदी के नाम पर ऐसे-ऐसे लोगों के नाम भुगतान किए गए हैं, जो संबंधित स्थनाओं पर रहते भी नहीं हैं। भाजपा ने उसकी शिकायत भी अनेक जगह की है।
– सदन में सरकार ने बताया कि गोठान निर्माण पर अभी तक 1019 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। वर्मी कम्पोस्टh के लिए टंकी बनाने के नाम पर 233 करोड़ खर्च किए गए हैं। इसके अलावा फ़रवरी 23 तक 105 करोड़ और खर्च कर देने की बात सरकार ने कही है। इनमें से अधिकांश पैसे कागजों पर खर्च किये दिखते हैं। कैसा गोठान बना है, यह आप देख ही रहे हैं।
– 2 रु. प्रति किलो में लोगों से कथित तौर पर गोबर खरीदा गया और वर्मी-कम्पोस्ट के नाम पर कंकड़-पत्थर मिलाकर वही गोबर 10 रु. प्रति किलो में उन्हें जबरन बेचा गया।
– प्रदेश में कुल 1976 ऐसे लोग हैं, जिनके नाम पर 1 लाख रुपए से अधिक गोबर के मद में भुगतान हुआ है। ये कौन लोग हैं, यह पड़ताल का विषय है।
– 174 करोड़ से अधिक गोबर खरीदी मद में दिए गए और सरकार का अनेक बार कहना हुआ कि गोबर सारा बह गया या खराब हो गया। जाहिर है ऐसी लगभग सारी खरीदी कागजों पर हुई है, और इसका पेमेंट सोसाइटियों से जबरन करा दिया गया।
– अनेक जगह गोठानों को नियम विरुद्ध अभयारण्यों में बनाना बताया गया है।
– इसी तरह रोका-छेका के नाम पर प्रोपगंडा किया गया, लेकिन न तो मवेशियों के लिए कोई खाने पीने का इंतज़ाम हुआ न ही उनके लिए कोई शेड आदि बने। हजारों गायों की मौत सड़कों पर दुर्घटना में या भूख से हो गयी।
सरकार द्वारा दिए गए अन्य आंकड़ों के अनुसार :-
– ‘प्रदेश 20 अप्रैल 2023 तक प्रदेश की 11 हजार पंचायतों में 10 हजार 6 सौ नब्बे गौठान स्वीकृत हुए हैं। जिसमें से 10 हजार से अधिक गौठान पूर्ण हो गये हैं।’ प्रति गोठान 300 गोवंश/पशु रहना था किन्तु गोठान खाली पड़े हैं।
– वर्ष 2023-24 में भी 175 करोड़ 10 लाख रूपए बजट रखा गया। लेकिन अधिकांश गोठानों में गाय नहीं है, कहां गए प्रति गोठान 300 अर्थात् 30 लाख से अधिक गोवंश?
– गोठानों में पैरा-कट्टी आदि की पर्याप्त व्यवस्था नही है। भूख से गायों के मरने की तमाम खबरें आयी हैं।
– मवेशी की तस्करी भी बड़े पैमाने पर हुई है और उसे रोकने वाले गोरक्षक इस सरकार की नज़र में अपराधी और गुंडे हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने, छत्तीसगढ़ को कलंकित करने वाले इस भ्रष्टाचार के ख़िलाफ जन-जागरण के लिए एक प्रदेशव्यापी ‘चलबो गोठान-खोलबो पोल’ अभियान शुरू करना तय किया है।
– यह अभियान 20 मई से प्रारम्भ होगा।
– इस अभियान में हर मंडल में प्रदेश से नेतागण जायेंगे।
– सभी नेतागण कम से कम 10 गोठानों का दौरा करेंगे।
– वहां ग्रामीणों से मिलेंगे और उनके यहां के गोठानों में जा कर का जमीनी हाल पता करने ‘गोठान का गोठ’ करेंगे।
– इस निमित्त हमने एक फ़ीडबैक फ़ॉर्म ‘जनता का पंचनामा’ नाम से तैयार किया है।
– उस क्वेश्चनेयर के माध्यम से गोठानों से संबंधित 10 सवाल हर जगह पूछे जायेंगे।
भारतीय जनता पार्टी, मीडिया के आप सभी मित्रों के सहयोग से कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार द्वारा लूटे गए पाई-पाई का हिसाब वसूलने से पहले चैन से नहीं बैठेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथ जनता के भरोसे के खून से रंगे हुए हैं। उन्हें जनता के पाई-पाई का हिसाब देना ही होगा।
गोठान निरीक्षण व प्रेस वार्ता में भाजपा महामंत्री विजय शर्मा,ओपी चौधरी,विजय शंकर मिश्रा,अमित चिमनानी,अभिनेष कश्यप सहित कई कार्यकर्ता माजूद रहे।