छत्तीसगढ़ शराब घोटाला, सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कहा, डर का माहौल न बनाएं, अनवर ढेबर की याचिका पर हुई सुनवाई
नई दिल्ली/रायपुर : छत्तीसगढ़ 2 हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए अनवर ढेबर की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कहा, भय का माहौल न बनाएं। अनवर ढेबर की तरफ से पूर्व अटर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ अग्रवाल ने पैरवी की।
अदालत के कड़े रूख के बाद ईडी के वकील ने जस्टिस संजय किशन कौल एवं न्यायमूर्ति ए अमानुल्लाह के सामने आश्वस्त किया कि उनकी पत्नी करिश्मा अनवर ढेबर को गिरफ्तार नहीं करेंगे, अगर वे इन्वेस्टीगेशन में भाग लेंगी। अनवर ढेबर का अन्तरिम जमानत आवेदन पर भी नोटिस करते हुए एक सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने तथा 29 मई को वेकेशन जज के समक्ष सुनवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार की हस्तक्षेप याचिका पर भी सुनवाई
इस पूरे मामले में छत्तीसगढ़ सरकार की हस्तक्षेप याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ के समक्ष आरोप लगाया कि राज्य के आबकारी विभाग के कई अधिकारियों ने शिकायत की है कि ईडी उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को गिरफ्तारी की धमकी दे रहा है और मुख्यमंत्री (मुख्यमंत्री) को फंसाने की कोशिश कर रहा है। सरकार ने दावा किया कि अधिकारियों ने कहा है कि वे विभाग में काम नहीं करेंगे।
इस पर पीठ ने कहा कि हमें यह स्पष्ट नहीं है कि सिब्बल द्वारा लगाए गए आरोप सही है अथवा नहीं, किन्तु यदि ये आरोप सही हैं तो यह अत्यन्त गंभीर बात है, जिसकी सुनवाई जरूरी है। पीठ ने ईडी के अधिवक्ता को शासन की याचिका पर जवाब प्रस्तुत करने के लिए 4 सप्ताह का समय प्रदान किया गया।