बिलासपुर। रेलवे बिलासपुर-नागपुर वंदेभारत ट्रेन को बंद करके उसे अब तेजस की रैक से चला रहा है। इसमें किराया भी कम करने का दावा किया गया है। रविवार से वंदे भारत ट्रेन तेजस रैक से चलने लगी है। हालांकि, रेलवे ने इसे वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कुछ दिनों के लिए चलाने की जानकारी दी है। लेकिन कहा ये भी जा रहा है कि वंदे भारत ट्रेन में यात्री नहीं मिलने के चलते रेलवे इसे पूरी तरह बंद करने की तैयारी में है। रेलवे ने बिलासपुर-नागपुर के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस के रैक को तेजस के रैक से एक्सचेंज किया है। इस तेजस रैक में दो एग्जीक्यूटिव क्लास के कोच, सात चेयरकार के कोच व दो पावर कार समेत 11 कोच रहेंगे। यह व्यवस्था रविवार से सिकंदराबाद – तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 20701 / 20702 की रैक प्राप्त होने तक अस्थायी रूप से जारी रहेगी।
कहा जा रहा है कि रैक को एक्सचेंज करने में कुछ दिनों का समय लग सकता है। लेकिन, रेलवे से जुड़े और जानकारों का कहना है कि वंदे भारत ट्रेन में यात्रियों की कमी की वजह से फिलहाल यह व्यवस्था की गई है और आने वाले समय में इसे पूरी तरह से बंद किया जा सकता है। हालांकि, अभी रेलवे के अधिकारी वंदे भारत ट्रेन को बंद करने से इनकार कर रहे हैं। उनका दावा है कि आने वाले समय में वंदे भारत ट्रेन पहले की तरह चलाई जाएगी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे को वंदे भारत ट्रेन के रूप में सौगात मिली थी, जिसे 11 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागपुर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। शुरुआत में ही यात्रियों के साथ ही कांग्रेस नेताओं ने वंदे भारत ट्रेन के किराए को महंगा बताया था और इसे सामान्य यात्रियों की पहुंच से दूर होने व अमीरों के लिए दी गई सुविधा बताया था।
रेलवे ने बिलासपुर से नागपुर के लिए एग्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 1540 रुपए तय किया था, जबकि चेयर कार का किराया 775 रुपए तय किया गया था। बिलासपुर से रायपुर के बीच एग्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 890 और चेयर कार का किराया 455 रुपए है। यह किराया टैक्स के साथ है। इसमें कैटरिंग चार्ज अलग से लिया जा रहा था। रेलवे ने नागपुर से बिलासपुर और झारसुगड़ा तक स्पीड ट्रायल किया है। 130 की स्पीड से ट्रेन भी चलाई जा रही है। लेकिन, यह ट्रेन कुछ ही जगहों पर 130 की स्पीड से चल रही है। इसकी प्रमुख वजह यह है कि इस रूट में ट्रैक में सुरक्षा का इंतजाम नहीं है, जिसके कारण वंदे भारत ट्रेन से मवेशियों के कटने और पथराव की लगातार शिकायतें आ रही हैं। हाई स्पीड ट्रेन की सुरक्षा के लिए रेलवे को ट्रैक के आजू-बाजू में रेलिंग का इंतजाम होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं होने पर ट्रेन की सुरक्षा नहीं हो पा रही है।