सोते समय रखे इन दिशाओं का ध्यान, इन नियमों का पालन करने से दूर होगी निर्धनता…
दिन भर के थके शरीर को रात में आराम देना बहुत जरूरी होता है, लेकिन अच्छी नींद के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि इससे जुड़ी कुछ चीजों का पालन किया जाए। हिंदु धर्म शास्त्रों में और खासकर के वास्तु शास्त्र में सोने से संबंधित कुछ नियम बताए गए हैं। इनका पालन करने व्यक्ति की शारीरिक-मानसिक सेहत, आर्थिक स्थिति आदि चीजें ठीक रहती हैं। आज जानते हैं कि सोते समय दिशाओं, सोने के तरीके, स्थान आदि का ध्यान कैसे और क्यों रखना जरूरी है।
सोते समय इन जरूरी बातों का रखें ध्यान-
वास्तु के अनुसार पूर्व की दिशा की ओर सिर करके सोना शुभ रहता है। इससे सकारात्मकता और पठन-पाठन में एकाग्रता बढ़ती है। पश्चिम दिशा की तरफ सिर करके सोना भी अच्छा होता है, इससे यश-कीर्ति में बढ़ोतरी होती है।
वैसे तो वास्तु में उत्तर दिशा को बहुत ही शुभ दिशा माना गया है लेकिन इस दिशा की ओर सिर करके सोने से कई तरह की बीमारियां होती हैं।
दक्षिण दिशा की तरफ सिर करके सोने से नकारात्मक विचार नहीं आते हैं। इस दिशा में सिर करके सोने से तनाव नहीं होता है। इसके अलावा दक्षिण दिशा में सिर करके सोने से सुख-समृद्धि में बढ़ती है।
शास्त्रों में कहा गया है कि कभी भी टूटी खाट-पलंग पर या गंदे बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए।
कभी जूठे मुंह नहीं सोना चाहिए। हमेशा सोने से पहले हाथ-पैर धोना चाहिए।
कभी भी निर्वस्त्र होकर नहीं सोना चाहिए।
कभी भी सूने-निर्जन घर, श्मसान, मंदिर के गर्भगृह और अंधेरे कमरे में भी नहीं सोना चाहिए।