Uncategorized

सीएम अरविंद केजरीवाल, मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ दर्ज हुआ मामला

देश के नए संसद भवन का कल 28 मई को उदघाटन होने वाला है। इसे लेकर एक तरफ जहां केंद्र की तैयारियां जोरों पर है तो वहीँ दूसरी तरफ विपक्ष इसके लोकार्पण को लेकर केंद्र को घेरने की तैयारी कर रही है। आरोप-प्रत्यारोप के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।

अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य के खिलाफ समुदायों/समूहों के बीच भेदभाव को बढ़ावा देने के इरादे से नए संसद भवन के उद्घाटन के आयोजन के संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जाति का हवाला देते हुए भड़काऊ बयान देने को लेकर शिकायत दर्ज की गई है। जोकि धारा 121, 153ए, 505 और 34 IPC के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।

इन नेताओं पर आरोप है कि इन्होंने अपने राजनीतिक उद्देश्यों को लेकर नए संसद भवन के उद्घाटन पर राष्ट्रपति की जाति को लेकर बयान दिया था जिसका उद्देश्य समुदायों व समूहों के बीच विद्वेष पैदा करना और भारत सरकार के खिलाफ माहौल खराब करने का प्रयास करना है।

जानें किस नेता ने क्या दिया बयान :

एकनाथ शिंदे

नए संसद भवन के उद्घाटन पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने समर्थन करते हुए कहा – यह लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है सभी को इसमें सामिल होना चाहिए लेकिन कुछ लोग ऐसे लोग हैं जिन्हें जान बूझकर विघ्न लाना है। देश की जनता समझदार है जिन्हें समस्या हो रही है उनका इलाज जनता ही करेगी।

केसी वेणूगोपाल

कांग्रेस नेता केसी वेणूगोपाल ने इसका विरोध करते हुए कहा – यह भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को दरकिनार करने का मुद्दा है। वे इस प्रश्न का उत्तर क्यों नहीं दे रहे हैं कि उद्घाटन करने के लिए अगल राष्ट्रपति की अयोग्यता है तो वह क्या है? उन्हें इस प्रश्न का उत्तर देना चाहिए। उन्होंने भारत के राष्ट्रपति को आमंत्रित क्यों नहीं किया।

नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा – पुराना इतिहास बदल देंगे? क्या जो इतिहास है आप उसे भुला देंगे? इन्हें(BJP) इतिहास बदलना है इसलिए हर चीज़ बदल रहे हैं। आखिरकार नया(नया संसद भवन) बनाने की ज़रूरत क्या थी।

अखिलेश यादव

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा – नई संसद से अधिक जरूरी लोकतांत्रिक परंपराओं को बढ़ाया और निभाया जाए। जो लोग विपक्ष का सम्मान नहीं करते, जो नफरत से राजनीति करते हों और जो जनता से झूठ बोले और उसको छुपाने के लिए एक-एक कार्यक्रम करें। उनके कार्यक्रमों में जाने से क्या फायदा?

गुलाम नबी आज़ाद

डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आज़ाद समर्थन करते हुए कहा – अगर में दिल्ली में होता तो नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में जरूर जाता। मैं सरकार को रिकॉर्ड टाइम में बनाने कि लिए बधाई देता हूं। विपक्ष भी सरकार को बधाई देती लेकिन वह बहिष्कार कर रहा है। मैं इस विवाद के ख़िलाफ़ हूं। राष्ट्रपति भी कौन सा विपक्ष का है? वह भी भाजपा के सांसदों द्वारा चुने गए हैं।

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button