कोरबा । कोयला उत्पादन के क्षेत्र में कीर्तिमान हासिल करने वाला एसईसीएल का गेवरा खदान एक बार फिर नये कीर्तिमान गढ़ने की ओर अग्रसर हो रहा हैं। पूरे देश में 52 मिलियट टन से अधिक कोयला उत्पाद का रिकार्ड ब्रेक करने वाले गेवरा खदान का विस्तार अब 70 मिलियट टन के लिए किया जा रहा हैं। खदान विस्तार के लिए मंगलवार को पर्यावरणीय जनसुनवाई की गयी। जिसमें खदान से प्रभावित होने वाले 25 गांव के लोगों ने पर्यावरण प्रदूषण सहित विस्थापन और नौकरी की मांग को लेकर चिंता जतायी।
गौरतलब हैं कि कोरबा जिला में संचालित एसईसीएल की गेवरा कोयला खदान आज देशभर में सर्वाधिक कोयला उत्पादन करने वाली खदानों की सूची में दर्ज हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में गेवरा खदान में 52 मिलियन टन से ज्यादा रिकार्ड कोयला उत्पादन किया गया। अब इस खदान का 70 मिलियट टन कोयला उत्पादन के लिए विस्तार किया जाना हैं। खदान विस्तार के लिए मंगलवार को पर्यावरणीय जनसुनवाई की गयी। जिसमें खदान विस्तार से प्रभावित 25 गांव के ग्रामीणों के साथ ही जन प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे। पुलिस प्रशासन और एसईसीएल अफसरों की मौजूदगी में हुए इस जनसुनवाई में देश के विकास में कोयला खदान के विस्तार पर अधिकांश ग्रामीणों ने अपनी सहमति दी, लेकिन खदान विस्तार से होने वाली समस्याओं को लेकर भी उन्होने चिंता जतायी।
ग्रामीणों ने एसईसीएल प्रबंधन पर विस्थापन और मुआवजा सहित नौकरी देने में लेट लतीफी को लेकर गहरी नाराजगी जतायी गयी। वही गांव के सरपंच और अन्य जनप्रतिनिधियों ने खदान विस्तार के बाद प्रभावित भूविस्थापितों के विस्थापन सहित उचित मुआवजे की बात रखी गयी। खदान से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को लेकर भी ग्रामीणों ने गहरी चिंता जाहिर की। देर शाम तक चले इस जनसुनवाई के बाद एसईसीएल गेवरा प्रबंधन की ओर से ग्रामीणों की बातों पर गंभीरता से निराकरण के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के साथ कोयला उत्पादन करने का विश्वास दिलाया गया। गेवरा परियोजना के जीएम एस.के.मोहंती ने बताया कि ग्रामीणों की सभी जायज मांगो पर एसईसीएल प्रबंधन गंभीरता से चिंता कर रहा हैं। खदान से प्रभावित भूविस्थापितों की नौकरी और मुआवजे के सारे प्रकरणों पर तेजी से कोर्रवाई की जा रही हैं। जन सुनवाई में जो भी समस्यांए ग्रामीणों ने दर्ज कराये हैं, उनका त्वरित निदान करने का प्रयास प्रबंधन द्वारा किया जायेगा।