फादर्स डे के मौके पर उन पोषक तत्वों के बारे में जानिए जो 50 से ज्यादा उम्र के हर पिता की डाइट में जरूर शामिल होनी चाहिए….
अक्सर बच्चे मां पर ढेर सारा प्यार लुटाते हैं। मां के सामने खुलकर अपना प्यार और परवाह दिखाते हैं, लेकिन पापा से दिल की बात करने में हिचकिचाते हैं। ‘आई लव यू पापा’ कहना कई बच्चों के लिए मुश्किल टास्क होता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। पिता की गंभीरता, उनकी सख्ती, कुछ अच्छा करने के लिए अक्सर प्रेरित करना और गलत करने पर डांट लगाना आदि कई कारण हो सकते हैं कि बच्चे पिता के सामने अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति नहीं कर पाते, लेकिन मां के सामने कर लेते हैं।
हर बच्चे को समझना चाहिए कि पिता को उनकी फिक्र होती है। उनके बर्ताव की वजह आपको एक सुरक्षित और आरामदायक भविष्य देना होता है। इसलिए फादर्स डे के मौके पर पिता से दिल की बात कहें।उम्र बढ़ने के साथ-साथ व्यक्ति के शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं. खासतौर से 50 साल की उम्र के बाद शरीर को विटामिन और मिनरल्स की खास जरूरत पड़ती है. इनकी कमी से शरीर को कई तरह के नुकसान होने लगती है. आइए फादर्स डे के मौके पर उन पोषक तत्वों के बारे में जानते हैं जो 50 से ज्यादा उम्र के हर पिता की डाइट में जरूर शामिल होनी चाहिए. ताकि वे एक सेहतमंद लाइफ को एंजॉय कर सकें
.कैल्शियम– उम्र बढ़ने के साथ-साथ आपका शरीर जितना मिनरल्स अवशोषित करता है, उससे कहीं ज्यादा ये कम होने लगता है. इसकी वजह से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है. खासतौर से मेनोपॉज के बाद महिलाओं में ये दिक्कत ज्यादा होती है. कैल्शियम मांसपेशियों, नसों, कोशिकाओं और रक्त वाहिकाओं को ठीक से काम करने में मदद करता है. इसका अधिकांश भाग खाने से मिलता है. 50 से अधिक महिलाओं और 70 से अधिक पुरुषों को अन्य वयस्कों की तुलना में लगभग 20% अधिक कैल्शियम लेना चाहिए. डाइट में दूध, दही और पनीर जरूर लें.
विटामिन B12- यह खून और तंत्रिका कोशिकाओं को बनाने में मदद करता है. नेचुरल तरीके से इसे मांस, मछली, अंडे और डेयरी प्रोडक्ट से प्राप्त किया जा सकता है. दवाओं और B12 फोर्टिफाइड फूड के जरिए इसे प्राप्त किया जा सकता है. 50 से अधिक उम्र के 30% लोगों में एट्रोफिक गैस्ट्रिटिस होता है, जिससे आपके शरीर के लिए इसे खाद्य पदार्थों से लेना मुश्किल हो जाता है. आप सप्लीमेंट के जरिए भी इसे ले सकते हैं
.विटामिन डी– विटामिन डी मांसपेशियों, नसों और इम्यून सिस्टम को ठीक से काम करने में मदद करता है. ज्यादातर लोगों को विटामिन डी की कुछ मात्रा सूरज की रौशनी से मिल जाती है. हालांकि उम्र बढ़ने के साथ सूरज की किरणों को विटामिन डी में बदलने की शरीर की क्षमता कम हो जाती है. खाने के जरिए विटामिन डी ज्यादा मात्रा में नहीं मिल पाता है फिर भी सैल्मन, मैकेरल और सार्डिन जैसी फैटी फिश इसका अच्छा स्त्रोत हैं.
विटामिन B6– विटामिन B6 शरीर को कीटाणुओं से लड़ने और एनर्जी बनाने में मदद करता है. यह बच्चों में दिमाग को बढ़ाने का काम करता है. उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर में इस विटामिन की जरूरत बढ़ती जाती है. कुछ स्टडीज में पाया गया है कि जिन बुजुर्गों में विटामिन B6 की अच्छी मात्रा होती है उनकी यादाश्त अच्छी रहती है. चने, छोले, फैटी फिश और फोर्टीफाइड ब्रेकफास्ट इसका अच्छा स्त्रोत हैं.
मैग्नीशियम– यह आपके शरीर को प्रोटीन और हड्डी बनाने में मदद करता है. साथ ही यह ब्लड शुगर को भी स्थिर रखता है. आप इसे नट्स, बीज, और पत्तेदार सब्जियों से प्राप्त कर सकते हैं. उम्र बढ़ने के साथ-साथ ज्यादातर लोगों को तरह-तरह की बीमारियों की दवाएं लेनी पड़ती हैं.
प्रोबायोटिक्स– ये बैक्टीरिया आंत के लिए अच्छे होते हैं. इसे दही, सॉकरक्राट जैसे फर्मेंटेड फूड के जरिए लिया जा सकता है. इसे सप्लीमेंट से भी लिया जा सकता है. ये डायरिया, खराब पाचन तंत्र और कई तरह की एलर्जी से बचाते हैं. अगर आप स्वस्थ हैं तो इन्हें लेना पूरी तरह सुरक्षित है. हालांकि कमजोर इम्यून सिस्टम वालों का इसका सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
ओमेगा 3- इन फैटी एसिड को बहुत जरूरी माना जाता है क्योंकि आपका शरीर इसे नहीं बना पाता है. आंखों, मस्तिष्क और स्पर्म सेल्स के लिए ओमेगा 3 जरूरी हैं. ये अल्जाइमर, गठिया, और आंखों की बीमारियों से बचाता है. इसके लिए आप डाइट में फैटी फिश, अखरोट, कैनोला ऑयल, या अलसी को शामिल करें
.जिंक– ज्यादातर लोगों में जिंक की कमी पाई जाती है. ये गंध और स्वाद को महसूस करने की क्षमता बढ़ाता है साथ ही संक्रमण और इंफ्लेमेशन से लड़ने में भी मदद करता है. उम्र बढ़ने के साथ शरीर के सभी जरूरी कार्य जिंक के जरिए संभव हो पाते हैं. मीट और फोर्टीफाइड फूड इसका अच्छा स्त्रोत हैं.
पोटैशियम– दिल, किडनी, मांसपेशियो और नसों के लिए पोटैशियम बहुत जरूरी है. ये स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर और ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव करता है. सूखे खुबानी, केला, पालक, दूध और दही इसके अच्छे स्रोत हैं. इसका सप्लीमेंट लेने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क कर लें.
फाइबर– उम्र बढ़ने के साथ-साथ फाइबर शरीर के लिए और जरूरी हो जाता है. फाइबर स्ट्रोक के खतरे से बचाता है, पेट को साफ रखता है और कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है. 50 साल से ऊपर की महिलाओं को कम से कम एक दिन में 21 ग्राम जबकि पुरुषों को 30 ग्राम की जरूरत होती है. साबुत अनाज और सब्जियों के माध्यम से इस पाया जा सकता है.