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बिपरजॉय तूफान के बाद सांपों का कहर, 19 लोगों को डसा, इलाके में हड़कंप

बाड़मेर

बिपरजॉय तूफान पहले तबाही मचाया, फिर विष छोड़ दिया है। वहीं विष छोड़ने के बाद राजस्थान के बाड़मेर में सांपों का कहर जारी है। 19 लोगों को सांप ने डसा है

तूफान और तेज बारिश के चलते बिलों में पानी घुसने से ये सांप बाहर निकल आए हैं। यही वजह है कि उन्होंने 19 लोगों को डंस लिया। जिले में सांप काटने के बड़ी संख्या में मामले सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है।

बाड़मेर जिले के चौहटन अस्पताल में सांप काटने के 19 मरीजों की तत्काल जांच की गई। फिलहाल सभी मरीज खतरे से बाहर हैं। डॉक्टर उनकी देखरेख में जुटे हैं।

सांप ने 19 लोगों को डंसा

दरअसल बिपरजॉय चक्रवाती तूफान का बाड़मेर में व्यापक असर देखने को मिला। तूफान के साथ बारिश ने आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी। वहीं बारिश के बाद 19 लोगों को सांप डंसने की जानकारी सामने आई है।

ये सभी लोग चौहटन अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं। अचानक बड़ी संख्या में सांप काटने के मामले सामने आने के बाद हॉस्पिटल प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। तत्काल रोगियों की जांच कर उनका इलाज किया जा रहा। इन रोगियों में सामान्य जहर पाया गया।

बिलों में पानी भरने से बाहर आए सांप

बीते तीन दिनों से बाड़मेर समेत राजस्थान के कई शहरों में बारिश का दौर जारी है। वहीं बारिश के पानी और बीच-बीच में तेज गर्मी के चलते जहरीले जीव जंतु और सांप बिल से बाहर आने लगे हैं।

कहा जा रहा कि सांप के बिल में पानी भर जाने की वजह से वो बाहर निकले हैं। इसी के चलते अलग-अलग स्थानों पर 19 लोग सर्पदंश का शिकार बने। ऐसे में प्रशासन ने लोगों को सावधानी बरतने को कहा है

इन जगहों पर सांप काटने के आए मामले

बाड़मेर के कई गांवों में सर्पदंश के मामले सामने आए। इसमें चौहटन के धारासर, चाडार, नवाताल जेतमाल, खारिया, राठौड़ान, गंगला, ऊपरला, सनाऊ, कापराऊ, सादुल की गफन शामिल हैं। सांप काटने के शिकार बने सभी लोगों का इलाज चौहटन अस्पताल में चल रहा। बताया गया कि इनमें से कई व्यक्ति खेत में काम कर रहे थे। कोई घर पर काम कर रहा था। कुछ लोगों ने बताया कि उन्हें अंधेरे में सांप ने काटा।

सभी 19 मरीज खतरे से बाहर है

चौहटन अस्पताल के प्रभारी डॉ अशोक कुमार ने बताया कि सांप काटने के 19 मरीज आए। सभी रोगियों का अस्पताल में तत्परता के साथ उपचार किया गया। सभी मरीजों की हालत खतरे से बाहर है। किसी भी रोगी को दूसरे अस्पताल रेफर नहीं किया गया है।

 

 

 

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