रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस, प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के बीच शह और मात का खेल शुरु हो गया है। चुनावी साल होने की वजह से क्षेत्रीय पार्टियां भी सक्रिय हो गई मगर, छत्तीसगढ़ में क्षेत्रीय दल सूबे की राजनीति को सीधे प्रभावित करने की स्थित नहीं है। हालांकि इन दलों को मिलने वाले वोट प्रतिशत कई विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी जैसी राष्ट्रीय पार्टियों की विनिंग सीटों के आंकड़ों को प्रभावित करते हैं।
विधानसभा चुनाव में इस बार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नेतृत्व में राष्ट्रीय पार्टी बन चुकी आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन की धमाकेदार एंट्री हुई है। हालांकि 2018 में छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने राज्य के 90 सीटों में से 85 सीटों पर चुनाव लड़ा था मगर तब उसे खास सफलता नहीं मिल पाई।