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सिद्ध चक्र महामण्डल विधान का समापन एवं विश्वशांति महायज्ञ 3 जुलाई को

संस्कार पूर्ण शिक्षा सें राष्ट्र प्रेम बढ़ता है : विधानाचार्य ब्र. जिनेश शास्त्री 

रायपुर। श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान के पांचवे दिन सुबह श्री जी का अभिषेक शांतिधारा कर विधान प्रारम्भ किया गया ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष संजय जैन नायक एवं सचिव राजेश रज्जन जैन ने बताया की श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान अष्टानिका महापर्व के पवन अवसर पर महेंद्र कुमार जैन सनत कुमार अनिल कुमार मनोज रोमिल मनीष सौम्य अंकित अंकुज जैन चूड़ी वाले परिवार द्वारा करवाया जा रहा है जिसमे समस्त जैन समाज के धर्म प्रेमी बंधु धर्म लाभ ले रहे है साथ ही राजधानी रायपुर के समस्त दिगम्बर जैन मंदिर का भरपूर सहयोग मिल रहा है कल 1 जुलाई को सुबह 7 बजे शांति धारा ततपश्चात विधान प्रारम्भ शाम 7 बजे आरती प्रवचन एवं केसरिया गरबा युवा मण्डल द्वारा 2 जुलाई को विधान मे सुबह शांति धारा अभिषेक उपरांत विधान प्रारम्भ शाम 7 बजे आरती प्रवचन के बाद कराओके संध्या राकेश अंजू जैन द्वारा 3 जुलाई को विश्वशांति हवन के साथ विधान का समापन आभार प्रदर्शन एवं सम्मान का कार्यक्रम किया जायेगा कार्यक्रम उपरांत सभी के वात्सल्य भोजन की व्यवस्था प्रतिदिन रखी गयी है।

2 जुलाई रविवार को नरेन्द्र जैन श्रीमती अरुणा जैन गुरुकृपा परिवार समता कॉलोनी द्वारा 108 आचार्य विद्यासागर महाराज के डोंगरगढ़ दर्शन हेतु निःशुल्क 50 सीटर बस गाँधी मैदान कोतवाली चौक सें सुबह 6 बजे डोंगरगढ़ जाएगी। आज विधानाचार्य ब्र. जिनेश शास्त्री ने अपने उदबोधन मे कहा की संस्कार पूर्ण शिक्षा सामाजिक धार्मिक के साथ लौकिक शिक्षा राष्ट्र और समाज के लिए उन्नति कारक है वर्तमान शिक्षा प्रणाली मे सें सामाजिक कर्तव्यों को ज़ब सें अलग किया गया है तब सें परिवारों मे विघटन समाज और राष्ट्र मे कर्तव्य हीनता बढ़ती ही जा रही है जो सब के लिए अहितकारी है।

आजकल दिखावटी प्रभावना ताम झाम प्रदर्शन दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है जिससे आंतरिक शांति और सुरक्षा घटती जा रही है अतएव अर्थोपार्जन/धनोपार्जन विधा बाहरी सुख तो प्रदान करती है परन्तु समाज राष्ट्र के लिए हितकारी नहीं है जिसके कारण राजनैतिक हस्तक्षेप धर्म और समाज दोनों मे बढ़ता जा रहा है इसलिए शासन प्रशासन और समाज का कर्तव्य है की सार्वभौमिक शिक्षा पद्धति के माध्यम सें बच्चों एवं युवाओं मे संस्कारो का बीजारोपण हेतु सामूहिक प्रयास आवश्यक है।

 

 

 

 

 

 

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