सूबेदार/सब-इंस्पेक्टर भर्ती में घोटाले की CBI जांच को लेकर हाईकोर्ट में याचिका, DGP को भर्ती कमेटी से हटाने की भी मांग
रायपुर । सूबेदार/सब इंस्पेक्टर भर्ती में गड़बड़ी का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए दर्जनों अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। जिसमें सूबेदार/सब इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले की CBI से जांच की मांग की गयी है। वहीं डीजीपी अशोक जुनेजा को कमेटी से हटाने की मांग की है। दरअसल साल 2021 में डीजीपी अशोक जुनेजा द्वारा सूबेदार/सब-इन्सपेक्टर/ प्लाटून कमान्डर एवं अन्य के रिक्त 975 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए डोंगरगढ़ निवासी शिवाजी सिंह द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं घनश्याम शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की गई है। याचिका में भर्ती कमेटी के अध्यक्ष डीजीपी अशोक जुनेजा एवं अन्य सदस्यों द्वारा जानबूझकर गंभीर अनियमितता एवं गड़बड़ी किये जाने और अनियमितता की बात कही गयी है। याचिका में अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं घनश्याम शर्मा द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि
पूर्व में वर्ष 2006-2008 एवं वर्ष 2011-2013 में सब इन्सपेक्टर भर्ती परीक्षा अंतर्गत प्री एवं मेन्स परीक्षा व्यापम द्वारा आयोजित की गई थी एवं व्यापम द्वारा ही रिजल्ट जारी किया गया था।
वर्ष 2021-2023 की प्री परीक्षा का रिजल्ट व्यापम द्वारा मेरिटवार, श्रेणीवार, सभी उम्मीदवारों के अंक बताते हुए, प्रत्येक वर्ग के कटऑफ मार्क्स बताते हुए उम्मीदवारों के नाम, पिता का नाम, जन्मतिथी अंकित करते हुए पारदर्शिता पूर्वक जारी किया गया था एवं मुख्य परीक्षा का रिजल्ट भी व्यापम द्वारा ही मेरिटवार, श्रेणीवार, सभी उम्मीदवारों के अंक बताते हुए, प्रत्येक वर्ग के कटऑफ मार्क्स बताते हुए, उम्मीदवारों के नाम, पिता का नाम, जन्मतिथी अंकित करते हुए पारदर्शिता पूर्वक तैयार किया गया था परन्तु भर्ती कमेटी के अध्यक्ष डीजीपी अशोक जुनेजा द्वारा व्यापम रायपुर को मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी करने से रोक दिया गया एवं सचिव, व्यापम से मुख्य परीक्षा का रिजल्ट प्राप्त किया गया।
भर्ती कमेटी के अध्यक्ष डीजीपी अशोक जुनेजा द्वारा मुख्य परीक्षा का रिजल्ट सिर्फ सीरियल नंबर से जारी किया गया एवं अन्य सभी तथ्यों जैसे- मेरिटवार, श्रेणीवार, सभी उम्मीदवारों के अंक ना बताते हुए, प्रत्येक वर्ग के कटऑफ मार्क्स छिपाते हुए उम्मीदवारों के नाम, पिता का नाम, जन्मतिथी का भी छुपाद करते हुए जानबूझकर सिर्फ सीरियल नंबर से मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया गया।
मुख्य परीक्षा में चयन से बाहर किये गये उम्मीदवारों द्वारा भर्ती कमेटी के अध्यक्ष डीजीपी अशोक जुनेजा एवं अन्य सदस्यों पर यह आरोप लगाया गया कि वे मुख्य परीक्षा के 600 (छह सौ) अंकों पर अपना कब्जा करते हुए परीक्षा में फेल एवं कम अंक पाए हुए उम्मीदवारों को लाभ पहुँचाकर चयनित करने के लिये नियमानुसार मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी ना कर अन्य तथ्यों का छिपाव किया जा रहा है।
चुंकि उक्त भर्ती परीक्षा में गंभीर अनियमितता एवं गड़बड़ी होने पर उच्च न्यायालय, बिलासपुर के समक्ष सैकड़ों उम्मीदवारों द्वारा याचिकाएं दायर की गई है। चूंकि डीजीपी अशोक जुनेजा 30 जून 2023 को 62 वर्ष की आयु पूर्ण कर सेवानिवृत्ति की तिथि पार कर चुके हैं एवं उक्त भर्ती परीक्षा अत्यन्त विवादित एवं गंभीर अनियमितताओं से भरे होने के बावजूद भी सरकार द्वारा डीजीपी अशोक जुनेजा का सेवाकाल 5 अगस्त 2024 तक के लिये बढ़ा दिया गया।
यह कि याचिकाकर्तागण द्वारा भर्ती कमेटी पर यह भी आरोप लगाया गया कि प्लाटून कमान्डर का पद पुलिस उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रहने के बावजूद भी उक्त पद पर महिला उम्मीदवारों का चयन किया गया। इसके साथ ही भूतपूर्व सैनिक, विभागीय पुलिस उम्मीदवार, महिला आरक्षण नियम का भी सही पालन नहीं किया गया।
याचिकाकर्तागण द्वारा यह भी आरोप लगाया गया कि पूर्व में तय नियमों के मुताबिक मुख्य परीक्षा 600 अंकों की व्यापम द्वारा लिया जाना था एवं फिजिकल टेस्ट एवं साक्षात्कारडे400 अंकों का पुलिस मुख्यालय द्वारा लिया जाना था परन्तु मुख्य परीक्षा के रिजल्ट में पारदर्शिता ना रखे जाने से मुख्य परीक्षा के 600 अंकों में भी छेडछाड का गंभीर आरोप लगाया गया।
याचिकाकर्तागण द्वारा 15 जून 2023 के कलकत्ता हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच के निर्णय स्टेट ऑफ वेस्ट बंगाल विरूद्ध सौमेन नन्दे एवं अन्य का हवाला दिया गया कि भर्ती परीक्षा में अनियमितता किये जाने पर सीबीआई जांच के आदेश दिये जा सकते हैं।
शिवाजी सिंह एवं अन्य याचिकाकर्ताओं ने उक्त भर्ती परीक्षा की सीबीआई जांच की मांग की है। साथ ही यदि जांच में दोषी पाये जाने पर भर्ती कमेटी के अध्यक्ष डीजीपी अशोक जुनेजा एवं अन्य सदस्यों को कमेटी से पृथक कर उनके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने की मांग की गई। उक्त रिट याचिका की आगामी सप्ताह में सुनवाई होगी।