रायपुर । कवर्धा जिला में जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के प्रभारी सीईओ को कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनायी हैं। बताया जा रहा हैं कि प्रभारी सीईओं को एसीबी की टीम ने हितग्राही से 20 हजार रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। कोर्ट में दोष सिद्ध होने पर न्यायाधीश ने तीन साल अधिकारी को 3 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
जानकारी के मुताबिक एसीबी ने यह कार्रवाई अंत्यावसायी हितग्राही कामू बैगा की शिकायत पर की थी। युवक को दुकान खोलने के लिए जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति से 2 लाख रुपये स्वीकृत हुए थे। जिसमें से एक लाख रुपये की दूसरी किश्त के लिए उसे विभाग के अफसर द्वारा घुमाया जा रहा था। इस राशि के लिए जब कामू बैगा समिति पहुंचा तो उससे प्रभारी सीईओ दीपक नामदेव ने 50 हजार रूपये रिश्वत की मांग की। बाद में अफसर ने 20 हजार रुपये में सौंदा तय किया था।
खुलेआम रिश्वत मांगने की शिकायत हितग्राही ने ने एसीबी में कर दी थी। इसके बाद 18 जनवरी 2019 को कामू ने क्षेत्राधिकारी और प्रभारी सीईओ दीपक नामदेव को 20 हजार देने पहुंचा था। उसी समय एसीबी की टीम मौके पर पहुंच गई और नामदेव को रंगे हाथों पकड़ लिया गया। करीब चार साल चली सुनवाई के बाद विशेष न्यायधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम पंकज शर्मा ने शनिवार को मामले में फैसला सुनाते हुए 3 साल सश्रम करावास और 5 हजार रूपये काअर्थदंड की सजा सुनायी हैं। अर्धदंड जमा नही करने पर तीन माह अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा। वर्तमान मे दीपक नामदेव रायपुर में पदस्थ है।