रायपुर । छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियां किस तरह का घोषणा पत्र तैयार करेंगी, ये तो काल के गर्भ में हैं। लेकिन मौजूदा वक्त में घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष को लेकर राजनीति जरूर गरमायी हुई हैं। आज बीजेपी ने जहां डिप्टी सीएम टी.एस.सिंहदेव के घोषणा समिति के अध्यक्ष नही बनने की बात पर निशाना साधते हुए कांग्रेस में अंदरूनी कलह होने का आरोप लगाया गया। वही दूसरी तरफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी के घोषित सूची पर पलटवार करते हुए कहा कि जिन लोगों ने जीवन भर बीजेपी की सेवा की उनको घर पर बिठा दिया गया या लूप लाइन में डाल दिया गया। विजय बघेल जो कांग्रेस में थे वे अब बीजेपी का घोषणा पत्र बनाएंगे। जिनको बीजेपी की विचारधारा तक नहीं मालूम है।
गौरतलब हैं कि छत्तीसगढ़ में सियासी बयानबाजी का दौर जारी हैं। सत्ता में बैठी कांग्रेस और विपक्ष की बीजेपी अब एक दूसरे पर हमला बोलने में एक भी मौका छोड़ना नही चाहती हैं। मौजूदा वक्त में बीजेपी सूबे के डिप्टी सीएम टी.एस.सिंहदेव के घोषणा पत्र समिति में अध्यक्ष नही बनने के बयान को लेकर राजनीति कर रही हैं। बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने आज बीजेपी प्रदेश कार्यालय एकात्म परिसर में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि हाईकमान की ओर से टीएस सिंहदेव को डिप्टी सीएम बनाने के बावजूद कांग्रेस में गुटबाजी, अंतर्कलह, और खींचतान चल रही है। बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि सिंहदेव ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि वह घोषणापत्र समिति में नहीं रहेंगे। यह बहुत बड़े असंतोष को स्पष्ट करता है।
उधर बीजेपी के इस बयान के बाद सीएम भूपेश बघेल का बयान सामने आया हैं। उन्होने बीजेपी पर पलटवार करते हुए तंज कसा हैं कि बीजेपी में काफी सीनियर लीडर हैं। लेकिन बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने जीवन भर बीजेपी की सेवा करने वाले नेताओं को उनको घर पर बिठा दिया या फिर लूप लाइन में डाल दिया गया। अब बीजेपी ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गये विजय बघेल पर भरोसा जताया हैं,जिन्हे बीजेपी की विचारधारा तक मालूम नही हैं। अब वो बीजेपी का मेनीफेस्टो तैयार करेंगे। भूपेश बघेल ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए आगे कहा कि आंध्र प्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष पुरंदेश्वरी को बनाया गया, वो पहले कांग्रेस में थी और अब प्रदेश अध्यक्ष बनी हैं। पंजाब में सुनील जाखड़ पहले कांग्रेस में थे। वे अब भाजपा के अध्यक्ष हो गए। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को प्रदेश में नेताओं का अकाल हो गया है, उनके पास कोई नेतृत्व नहीं रहा।