गरियाबंद – शासन द्वारा ग्राम पंचायत में विकास कार्य के लिए लाखों रूपये आबंटन दिया जाता है। लेकिन सरपंच सचिव साफ सफाई ना करवा कर अपनी जेबें भरने में लग जाते है। एक मामला ग्राम पंचायत झरगांव के आश्रित पारा तेतलपारा मे देखने मिला जहां पर ग्रामीण कीचड़ से लत पथ जगह रहते दिखे। बदबूदार गंदगी कीचड़ से परेशान है। कीचड़ भरा हुआ रस्ता से स्कूली बच्चों को पार करके स्कूल जाना पड़ता है कई बच्चे तो कीचड़ में फिसल कर गिर जाते है। तेतलपारा के ग्रामीणो की भी माने तो इसकी जानकारी कई बार
सरपंच सचिव को दिया गया परंतु आज तक इतने वर्ष बीत गए सफाई कराना जरूरी नहीं समझा। केंद्र सरकार द्वारा गांव गांव मे स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है बावजूद झरगांव के लापरवाह सरपंच सचिव के नींद नहीं खुल रही है। आपको बता दे सरपंच सचिव को ग्रामीण कहते कहते थक गए परंतु कोई फर्क नहीं पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि जल्द ही ये गंभीर बीमारियों का कारण बनने की संभावना हो सकती है । अधिकारियों के दौरे के अभाव व निष्कृयता के चलते ही ये सब हो रहा है । 14 वीं 15 वीं के राशि को सफाई के आड़ मे राशि
हरण कर डकार तक नहीं लेते। झरगांव में साफ सफाई के नाम से भ्रष्टाचार कर सफाई की राशि को हरण कर अपने जेब भरने का कार्य करते हैं। ग्रामीणों को गंदगी से जिस स्तर मे परेशानी हो रही है। अधिकारियों को अपने आरामदायक सरकारी भवन से निकल कर एक बार जरूर देखना चाहिए। तब उन्हें पता चले कि उनके और जनता के बीच के खाई का फासला कितना हो गया है। झर गांव में ग्राम पंचायत सरगांव में सरपंच सचिव की मनमानी के कारण ग्रामीण आम जनता परेशान कई बार शिकायत करने के बावजूद भी ग्राम पंचायत सरपंच सचिव के ऊपर किसी प्रकार से कार्यवाही नहीं की जाती है। लाखों रुपए की राशि निकालकर अपने स्वयं के लिए कार्य करते हैं परंतु ग्रामीणों की शिकायत पर भी कार्यवाही नहीं की जाती है ग्राम पंचायत सचिव ऐसे कई पंचायतों में राशि हरण कर कार्य नहीं करते हैं शिकायत होने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं।