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कल तक अपने ही सरकार पर उठाते थे सवाल,अब मंत्री बनने के बाद सरकार की तरफ से देना होगा जवाब

रायपुर । छत्तीसगढ़ का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा हैं। मौजूदा कांग्रेस सरकार का यह अंतिम सत्र हैं, लिहाजा विधानसभा में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष पूरी तैयारी में हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ के इस अंतिम सत्र में पूर्व पीसीसी चीफ सरकार से सवाल पूछने के बजाये सरकार के बचाव में अब जवाब देते नजर आयेंगे। जीं हां पिछले विधानसभा सत्र में अपने सवालों से सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वाले मोहन मरकाम अब मंत्री बनने के बाद सरकार की तरफ से विपक्ष का जवाब देते नजर आयेंगे। मतलब साफ हैं विधानसभा से ठीक पहले मरकाम को मंत्रिमंडल में शामिल कर सरकार ने खुद विपक्ष के सवालों के सामने जवाब देने के लिए खड़ा कर दिया हैं।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका हैं। ऐसे में प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस और विपक्ष में बैठी बीजेपी एक दूसरे को घेरने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं। ऐसे में विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन ही विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास करेगा। लेकिन इस अंतिम विधानसभा सत्र में विपक्ष के सवालों के साथ पूर्व पीसीसी चीफ सवाल नही दाग पायेंगे। गौरतलब हैं कि पिछले विधानसभा चुनाव में पीसीसी चीफ रहते मोहन मरकाम ने विपक्ष के साथ सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल उठा कर सुर्खियों में आ गये थे। भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कराने की बात कहकर मोहन मरकाम ने विधानसभा में अपने ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया था।

मोहन मरकाम के इस तेवर के बाद पार्टी में ही खीचतान शुरू हो गया था। इसके बाद से ही मोहन मरकाम को पीसीसी चीफ की कुर्सी से हटाने की तैयारी शुरू हो गयी थी। ऐसे में पार्टी हाईकमान ने चुनावी साल में सबको एकजुट रहने का मंत्र दिया गया। इसके साथ ही सत्ता और संगठन में परिवर्तन करते हुए मोहन मरकाम को मंत्रिमंडल में शामिल करने का फैसला लिया गया। चुनाव से महज 4 महीने पहले मंत्री बने मोहन मरकाम आज विधानसभा के मानसून सत्र में शामिल तो होंगे, लेकिन उनके तेवर जरा बदले-बदले से होंगे। क्योंकि विपक्ष को मानसून सत्र में जिस मोहन मरकार की मौजूदगी का इंतजार था।

लेकिन अब वो सरकार से सवाल पूछने के बजाये सरकार पर आने वाले सवालों की तीर का सामना करेंगे। मतलब साफ हैं चुनावी साल में कांग्रेस किसी भी स्तर में अपनी किरकिरी नही कराना चाहती हैं। ऐसे में पीसीसी चीफ के पद से हटाये जाने के बाद यदि मोहन मरकाम को मंत्रिमंडल में शामिल नही किया जाता, तो निश्चित था कि वो आखिरी विधानसभा सत्र में सवाल की झड़ी लगाते। जिसका सीधा फायदा विपक्ष में बैठी बीजेपी उठाती। लेकिन ऐसा हो न सका, सरकार ने मोहन मरकाम को विधानसभा सत्र से ठीक पहले मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। मोहन मरकाम के मंत्री बनने के बाद अब वो सरकार से जहां सवाल नही कर सकते, वहीं अब विधानसभा सत्र में विपक्ष के तीखे सवालों के तीर के सामने मोहन मरकाम को खड़े होकर जवाब देना होगा।

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