छत्तीसगढ़

बरसात में वायरल फीवर से बचना है तो अपनाएं ये उपाय

बरसात का मौसम शुरु हो चुका है। कुछ लोगों को इस मौसम में बारिश में भींगने का मन करता है और कई बार उनका यही शौक बीमारी की वजह बन जाती है। ऐसे समय में कई लोग बीमारी के चपेट में आ जाते हैं। इसे बरसाती बुखार कहते हैं। इसमें किसी एक व्यक्ति को सर्दी होने से अन्य लोगों में भी सर्दी फैलने लगती है। जिसे कई लोग संक्रमण का शिकार हो जाते हैं।

बारिश के बाद बुखार आने के पीछे कई कारण हैं जिनमें से एक कारण है लेप्टोस्पाइरोसिस। ये बैक्टीरियल इंफेक्शन इंसानों और जानवरों दोनों को प्रभावित करता है और इससे पीड़ित व्यक्ति को तेज बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, उल्टी, पीलिया, पेट में दर्द और चकत्ते हो सकते हैं। ये असल में उन इलाकों में होता है जहां लंबे समय तक जलभराव की स्थिति बनी रहती है और सारा पानी दूषित हो जाता है। इस संक्रमित पानी की वजह से लोगों को संक्रमण हो सकता है जिससे ये बुखार आता है।

बरसाती बुखार के लक्षण-बुखार जो नियमित अंतराल पर रह-रहकर होता हो-तेज सिर दर्द-शरीर में तेज दर्द और अकड़न-ठंड लगने के साथ बुखार आना-बुखार जो दवाइयों से तुरंत ठीक न हो। बारिश के बाद बुखार आने के अन्य कारणबारिश के बाद बुखार आने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जिनमें से एक है मच्छर जनित रोग जैसे मलेरिया और डेंगू बुखार।

इसके अलावा इस मौसम में चिकनगुनिया और टाइफाइड के कारण भी आपको बुखार हो सकता है। तो, किसी भी बुखार को नजरअंदाज न करें और डॉक्टर को दिखाएं। साथ ही कोशिश करें कि ताजा गर्म खाना खाएं। पानी को उबालकर और ठंडा करके पिएं और मच्छरदानी लगाकर सोएं।

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