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ध्वनिमत से अविश्वास प्रस्ताव हुआ अस्वीकृत, मुख्यमंत्री के संबोधन के बीच ही विपक्ष ने किया वाकआउट, मुख्यमंत्री का विपक्ष पर तीखा हमला

रायपुर 13 घंटे चली चर्चा के बाद अविश्वास प्रस्ताव सदन में गिर गया। 109 आरोप, 13 घंटे की चर्चा देर रात 1 बजे जाकर खत्म हुआ। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही विपक्ष ने वाकआउट कर दिया। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विपक्ष के आरोपों पर मुख्यमंत्री के जवाब के दौरान ही विपक्ष हंगामा करने लगा और फिर बिना संबोधन पूरा हुए ही वाकआउट कर गया। इसके बाद सदन में ध्वनिमत से अविश्वास प्रस्ताव अस्वीकृत हो गया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने आज संबोधन के दौरान आरोपों पर सिलसिलेवार जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने विपक्ष की कार्यशैली के साथ-साथ सेंट्रल एजेंसियों की कार्रवाई तक पर गंभीर सवाल खड़े किये।मुख्यमंत्री ने कहा कि जो ED को नए अधिकार दिए गए उसका मैं विरोध करता हूं। जीएसटी चोरी भी अब ED के दायरे में आ गया है। सीएम के जवाब के बीच जबरदस्त हंगामा हुआ, जिसके बाद विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया।

मुख्यमंत्री ने भाजपा की तरफ से लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के औचित्य पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि विपक्ष के आविश्वास प्रस्ताव में सिर्फ घोटाला-घोटाला-घोटाला कहा, एक भी घोटाले का तथ्य नहीं था। इतना अकाल पड़ गया है कि कोई आरोप पत्र बनाए. तो उसमें तथ्य डाल दे इतना लचर अविश्वास प्रस्ताव लाए है। नेता प्रतिपक्ष के लिए इनकी पार्टी में अविश्वास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने जो आंकड़े दिए सभी बेबुनियाद हैं।

बस्तर में नक्सलियों के खौफ को लेकर नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि झीरम में आज रात के सैकड़ों गाडियां जाती है। 2018 के पहले तो दिन में भी जाने में डर लगता था।.सुकमा में भेंट मुलाकात में रात रुका। मुख्यमंत्री ने कहा कि खुशी है कि बस्तर में परिवर्तन हुआ है इन 5 सालो में। मुख्यमत्री ने पूछा कि झीरम मामले में आप बताइए क्यों गुडसा उसेंडी और रमन्ना का नाम एनआईए ने हटाया था।

हमने तो ये भी सुना है गुडसा उसेंडी के बच्चो को सरकारी नौकरी दी गई. ये किसने दी? दोनों झीरम घटना के मुख्य आरोपी थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सेंट्रल एजेंसियां सबसे ज्यादा कही छापा मारी है तो वो छत्तीसगढ़ है। केवल छत्तीसगढ़ सरकार को बदनाम करने के लिए छापा मारा जा रहा। छापेमारी में क्या मिला आज नही बताया गया।

भूपेश बघेल ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में कहा कि विपक्ष द्वारा प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दों में कोई तथ्य नहीं है। प्रजातंत्र में विपक्ष का अधिकार होता है कि वे अविश्वास करे। सत्ता पक्ष के पास भी मौका होता है कि अपनी बात रखें। इन्होंने 109 आरोप लगाए पर कोई तथ्य नहीं दिए। पहले जब अविश्वास प्रस्ताव आता था तब नक्सली समस्या पर पहले बात होती थी। इस बार सदस्यों ने नही की। ये हमारी उपलब्धि है।

आप इंद्रावती के उस पार गए क्या ये संभव था। ये इसलिए हुआ कि इस समस्या पर काम हुआ। अभी भेंट मुलाकात में बस्तर में रात रुका, सभी से मिला। जो सबसे बड़ा कमेंट मिला जिसने मेरे दिल को छू लिया। जैन समाज के लोगों से मैंने पूछा कि इन चार सालों में क्या फर्क आया। उन्होंने कहा कि रिश्ता करने में बस्तर में अब दिक्कत नहीं होती है। आसानी से लोग रिश्ता दे देते हैं क्योंकि बस्तर बदल गया है। पहले बस्तर में सड़कें काट दी जाती थी आज सड़के काटी नहीं जाती, ये परिवर्तन बस्तर में देखने को मिला है। पिछली सरकार ने जो स्कूल बंद करा दिए थे, उसे हमने आरम्भ कर दिया। राशन पहुंचाना भी पहले टेढ़ी खीर थी। अब कितना आसान हो गया है। ये बदलाव आया है।

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