रायपुर । छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ईडी ने अपने जांच का दायरा बढ़ाते हुए डीएमएफ में हुए घोटालों की जांच शुरू कर दी हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने भूगर्भ और खनिज विभाग के डायरेक्टर को पत्र लिखकर साल 2016 से लेकर अब तक प्रदेश भर के जिलों में डीएमएफ से आबंटित राशि और उन राशियों से हुए कार्यो की पूरी जानकारी मांगी हैं। ईडी ने अपने पत्र में सरकार से 7 बिंदुओं पर सवाल करते हुए 4 अगस्त तक जवाब प्रस्तुत करने की बात कही हैं। ईडी के इस पत्र के बाद प्रदेशभर के जिला मुख्यायल में रिकार्ड जुटाने में अधिकारियों के जहां पसीने छूट गये हैं, वही डीएमएफ में बड़े पैमाने पर काम करने वाले एजेंसियों की नींद हराम हो गयी हैं।
गौरतलब हैं कि छत्तीसगढ़ में पिछले करीब एक साल से प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने कैम्प कर रखा हैं। छत्तीसगढ़ में कोयला लेवी घोटाला के साथ ही शराब घोटाले की जांच में ईडी ने कई गिरफ्तारियां कर चुकी हैं। ऐसे में अब ईडी ने प्रदेश की खदानों से मिलने वाले डीएमएफ फंड से हुए कार्यो की तरफ अपनी नजरे टेढ़ी कर दी हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने भूगर्भ और खनिज विभाग के डायरेक्टर को पत्र लिखकर 7 बिंदुओं पर जवाब मांगा हैं। पत्र में मुख्य रूप से कोरबा जिला के अतिरिक्त राज्य के हर जिले से वर्ष 2016 से अब तक आबंटित राशि का वर्ष वार जानकारी मांगी गयी हैं। इसके साथ ही जिला स्तर पर किन विभागों को डीएमएफ के कार्यो के लिए एजेंसी बनाया गया ?
डीएमएफ से जिन ठेका कंपनी और एजेंसियों को काम दिया गया ? डीएमएफ से किये गये सभी भुगतान की जानकारी के साथ ही जिन फर्मो को काम के एवज में भुगतान किया गया, उनका बैंक अकाउंट नंबर के साथ ही पैन कार्ड और जीएसटी नंबर की जानकारी ईडी ने जिलेवार कलेक्टरों से मांगी हैं। ईडी के इस पत्र के जारी होने के बाद खनन प्रभावित जिलों के साथ ही आसपास के जिलाधिकारियों के माथे पर अब पसीना आने लगा हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने बकायदा सरकार को पीएमएलए के सेक्शन 54 के तहत पत्र लिखकर ये सारी जानकारियां मांगी हैं। ऐेसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि 4 अगस्त को सारे रिकार्ड जमा होने के बाद ईडी के रडार पर कौन-कौन आता हैं, ये तो आने वाला वकत ही बतायेगा।