रायपुर। आईएएस रानू साहू को अंतत राज्य शासन ने निलंबित कर दिया है। रानू 2010 बैच की IAS अधिकारी है। जानकारी के मुताबिक रानू साहू को सरकार की अनुशंसा के बाद GAD ने 22 जुलाई 2023 को निलंबित किया था।
प्रदेश के समान्य प्रशासन विभाग ने आईएएस अफसरों की सिविल लिस्ट में 2 अगस्त को इस संबंध में जानकारी दी गई। 2 अगस्त को सूबे के तमाम IAS अफसरों की सिविल लिस्ट अपडेट हुई जिसमें रानू साहू के निलंबन की ख़बर पुष्टि हुई। कोल स्कैम मामले में ED ने पिछले दिनों रानू साहू को गिरफ्तार किया था। ED की जांच में इस बात का पता चला कि कोल स्कैम केस में सूर्यकांत तिवारी के साथ आईएएस रानू साहू का क्लोज एसोसिएशन है.
कोयले से जुड़ी लेवी का सारा कारोबार कोरबा से हो रहा है. रानू साहू जब कोरबा कलेक्टर थीं इस दौरान सूर्यकांत तिवारी ने कमीशन का पैसा रानू साहू को दिया. उस घूस की राशि से आईएएस साहू ने संपत्तियों को खरीदा. जिसके बाद ने रानू की 5.52 करोड़ रुपए की सम्पत्ति का अटैचमेंट किया था।
आपको बता दें कि 25 जुलाई को रिमांड खत्म होने के बाद ईडी की टीम ने कोर्ट में पेश किया था , जहां से उन्हें चार अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। इस मामले में ही आज कोर्ट में सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि रिमांड के दौरान ईडी के अधिकारी रानू साहू से मिली डायरी, मोबाइल चैट के बारे में पूछताछ कर चुके है। कोल के अवैध परिवहन मामले में अब तक चार अफसरों सहित कुल 14 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
आपको बता दें कि रानू साहू साल 2005 में डीएसपी बनी थीं। रानू साहू ने ग्रेजुएशन के बाद पुलिस की तैयारी करने फॉर्म भर दिया था। हाईकोर्ट ने रिज्ल्ट पर रोक लगा दी थी लेकिन जब दोबारा रिजल्ट घोषित किया गया तो वो पास हो गई और रैंक के हिसाब से रानू साहू को डीएसपी का पद दिया गया। पुलिस की सर्विस के साथ ही उन्होंने IAS की भी तैयारी जारी रखी। 2010 में उन्होंने यूपीएससी क्ल्यिर कर आईएएस सलेक्ट हुई। छत्तीसगढ़ में अब तक वे चार जिलों की कलेक्टर रह चुकी हैं।