शिक्षा मंत्री चौबे ने कहा कांग्रेस से बनी हैं अरविंद नेताम की पहचान,जब मंत्री रहे तब आदिवासी क्यों नही याद आये
रायपुर 10 अगस्त 2023। छत्तीसगढ़ में विधानसभा से ठीक पहले पूर्व मंत्री अरविंद नेताम के इस्तीफे से कांग्रेस का बड़ा झटका लगा हैं। अरविंद नेताम के इस्तीफे के बाद अब राजनीति भी गरमा गयी हैं। ऐसे में शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे ने नेताम के इस्तीफे पर पलटवार करते हुए कहा हैं कि कांग्रेस से ही अरविंद नेताम की पहचान हैं। चैबे ने आगे कहा कि कांग्रेस को चुनौती देने वाले इतिहास का पन्ना बन जाते हैं।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आदिवासी नेताओं का पार्टी से इस्तीफा देने का दौर जारी हैं। बीजेपी से पहले नंदकुमार साय ने पार्टी पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए इस्तीफा देकर कांग्रेस ज्वाइन कर लिया था। इसके बाद अब कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व मंत्री अरविंद नेताम ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया हैं। उन्होनें अपना इस्तीफा AICC और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को भेजा है
अरविंद नेताम ने अपने इस्तीफा पत्र में लिखा हैं
कि ……”प्रदेश सरकार राज्य में आदिवासी समाज के लिए बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के द्वारा प्रदान संवैधानिक अधिकारों के विपरीत काम कर रही है। कांग्रेस सरकार ने पेसा कानून 1996 में आदिवासी समाज को जल, जंगल, जमीन पर ग्राम सभा के अधिकारों को समाप्त कर दिया है। इस तरह से ये आदिवासी विरोधी सरकार है। इसलिए मैं विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रहा हूं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम इस इस्तीफे के बाद अब सियासी बयान बाजी का दौर शुरू हो गया हैं। शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे ने नेताम के इस्तीफे पर कहा कि आज अरविंद नेताम की पहचान कांग्रेस के कारण ही है। कांग्रेस को चुनौती देने वाले इतिहास का पन्ना बन जाते है। चैबे ने कहा कि कांग्रेस ने अरविंद नेताम को बहुत सम्मान दिया। रविंद्र चौबे यहीं नही रूके उन्होने आगे सवाल उठाते हुए कहा कि अरविंद नेताम जब मंत्री रहे तब उन्हे आदिवासी याद नहीं आए ? आपको बता दें कि बस्तर के वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम लंबे समय से सरकार पर आदिवासियों की उपेक्षा का आरोप लगाते रहे हैं।
कुछ दिनों पहले ही उन्होंने प्रदेश की 50 सीटों पर आदिवासी समाज का प्रत्याशी खड़ा करने की घोषणा भी की थी। कार्यक्रम में प्रदेश भर से हजारों की संख्या आदिवासी समुदाय के लोग शामिल हुए। ऐसे में अब ये उम्मींद जतायी जा रही हैं कि पूर्व मंत्री और आदिवासी नेता अरविंद नेताम कांग्रेस से बगावत कर चुनावी शंखनाद कर मैदान में उतरेंगे। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही हैं कि जल-जंगल और जमीन के साथ आदिवासियों के नाम पर राजनीति करने वाले नेताम को आगामी विधानसभा चुनाव में आदिवासियों का किस हद तक समर्थन मिलता हैं,ये तो आने वाला समय ही बतायेगा। लेकिन मौजूदा वक्त में आदिवासी नेताओं के बागी तेवर ने कांग्रेस और बीजेपी को चिंता में जरूर डाल दिया हैं।