महासमुंद । नगर पालिका महासमुंद अब नगर निगम बनेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज ये ऐलान किया है। वहीं .ग्राम पंचायत भोरिंग को नगर पंचायत बनाने की घोषणा भी आज सीएम ने की। मुख्यमंत्री ने आज भरोसे के सम्मेलन में कई अहम सौगात दी। इस दौरान किसान , मजदूर , गरीब और गौपालकों को 2055.60 करोड़ की राशि सीधे उनके खाते में भेजी गई है।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज हम पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती मना रहे है और इस अवसर पर न्याय योजनाओं की राशि वितरित की गई है और नवीन राजस्व कार्यालयों का शुभारंभ किया गया है।
महासमुंद में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने न्याय योजनाओं के हितग्राहियों को राशि के अंतरण कार्यक्रम में महासमुंद में कंपोजिट बिल्डिंग के निर्माण को अगले वर्ष के बजट में शामिल करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में राजीव जी की जयंती सद्भावना दिवस के रूप में मनाई जा रही है। आज महासमुंद जिले में 704 करोड़ रुपए के 224 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया गया। इनमें 71 करोड़ 08 लाख रुपए लागत के 132 कार्यों का लोकापर्ण तथा 632 करोड़ 88 लाख रूपए लागत के 92 कार्यों का भूमिपूजन, शिलान्यास शामिल है।
आज के इस समारोह में प्रदेश की 18 नयी तहसीलों और 13 नये अनुविभागीय कार्यालयों का शुभारंभ किया गया है। इन्हें मिलाकार प्रदेश में अब 250 तहसीलें और 122 अनुविभाग हो जाएंगे। पौने पांच सालों में हमने 06 नये जिलों का गठन किया है। प्रदेश में जिलों की संख्या 33 हो चुकी है।
हमारी योजनाओं का लाभ आम जनता को मिल रहा है। अभी नीति आयोग ने एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में पांच सालों में 40 लाख लोग गरीबी से बाहर आ चुके हैं।
कबीरधाम, सरगुजा और दंतेवाड़ा में 23 से 25 प्रतिशत लोग गरीबी से बाहर आ गए हैं। रायपुर, धमतरी और बालोद जिले में गरीबी का अनुपात अब 10 प्रतिशत से कम रह गया है।
साथियों, 40 लाख लोगों को गरीबी से बाहर निकालना हमारी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। यह हमारे काम का सबूत है। हमारे काम की गवाही खुद नीति आयोग दे रहा है।
किसानों, मजदूरों, आदिवासियों के लिए लागू की गई न्याय योजनाओं के कारण ही यह चमत्कार हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बात चाहे खेती-किसानी की हो, आदिवासियों के विकास की हो, महिलाओं के सशक्तिकरण की हो, हर नागरिक की आय में बढ़ोतरी की हो, रोजगार की हो, रोजगार के अवसरों के निर्माण की हो, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की हो, शहरी क्षेत्रों में सुविधाओं के विस्तार की हो, शिक्षा सुविधाओं के विस्तार की हो, चिकित्सा सुविधा के विस्तार की हो आज छत्तीसगढ़ में हर क्षेत्र में बड़ा बदलाव दिख रहा है।
हमनें व्यक्ति को इकाई मानकर विकास का काम किया है। प्रशासनिक इकाईयों को छोटा किया गया है। हमने किसानों की सुविधा का ध्यान रखते हुए धान संग्रहण केंद्रों को भी किसानों के पास लाने का काम किया। संग्रहण केंद्रों और खरीदी केंद्रों को बढ़ाया जिसके कारण धान खरीदी बढ़ी लेकिन न बोरे की कमी हुई न लाइन लगी न ही किसानों को पैसे पहुंचने में कोई दिक्कत हुई।