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धरसींवा विधान सभा में दावेदारों की सूची हैं लंबी, विभिन्न अटकलों से प्रत्याशियों की धड़कने हुई तेज 

 

  • धरसींवा से ताल ठोकते उम्मीदवार
  •  किसकी झोली में आयेगी टिकट 
  •  किसके क़िस्मत में हैं राजयोग, कौन पहनेगा धरसीवा का ताज, लोगों में हैं क़यास 
  •  3 बार बीजेपी तो 1 बार कांग्रेस का रहा क़ब्ज़ा 

खरोरा/रवि तिवारी। प्रदेश में इस वर्ष के आखिरी महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी-कांग्रेस के उम्मीदवारों ने अपनी-अपनी दावेदारी शुरू कर दी है। एक तरफ जहां वर्तमान विधायक सहित कांग्रेस के कई बड़े नेता अपने चुनाव को लेकर क्षेत्र में सक्रिय नजर आ रहे हैं, तो वहीं बीजेपी के भी कई उम्मीदवार इन विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय विधायक एवं कांग्रेस सरकार की विफलताओं को गिनाने दौरा कर रहे हैं। इस चुनाव में भी इस सीट पर कांटे की टक्कर होने का दावा किया जा रहा है। रायपुर ज़िले में सबसे महत्वपूर्ण सीट कहे जाने वाली धरसीवा विधानसभा एक सामान्य सीट हैं। इसके चलते यहॉ पिछले 3 चुनाव की आपेक्षा इस चुनाव में दोनों प्रमुख पार्टियों में उम्मीदवारों की लंबी लिस्ट हैं।

सामान्य सीट होने की वजह से यहॉ बीजेपी और कांग्रेस के कई नेता दावेदारी कर अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इन नेताओं व्दारा क्षेत्र में अपनी सक्रियता दिखने के लिए लगातार दौरा किया जा रहा हैं। वहीं संगठन में भी अपनी दावेदारी मज़बूत करने के लिए पार्टी के बड़े नेताओं से भेंट मुलाकात की जा रही हैं। सत्ता पक्ष कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस के अंदर इस बार किसी नये चेहरे को उतारने की चर्चा हैं। इसके चलते सत्तारूढ़ विधायक होने के बावजूद कांग्रेस में इस बार दर्जनों टिकट के दावेदार हैं। इस बात से इनकार करती वर्तमान विधायक अनिता योगेन्द्र शर्मा कीं दावेदारी फिरहाल मज़बूत हैं, बतौर विधायक वे क्षेत्र के हर छोटे बड़े कार्यक्रमों में शिरकत कर रहीं हैं। वहीं बीजेपी की बात करें तो बीजेपी में भी इस बार टिकट पाने की होड़ मची है। पिछलें 2018 के चुनाव में सत्ता गवां बैठी बीजेपी में इस सीट से 20-25 दावेदार हैं, इनमें से 3 बार विधायक रह चुके देवजी भाई पटेल का पलड़ा सबसे भारी हैं। फिरहाल इस सीट पर कांग्रेस के साथ ही बीजेपी के नेता भी सक्रिय हैं। इनके व्दारा लगातार अलग-अलग दौरा कर केंद्र सरकार की उपलब्धि को गिनाने के साथ ही राज्य सरकार की विफलता को बताया जा रहा हैं।

धरसीवा में दावेदारों की लंबी लिस्ट-

राजधानी रायपुर से लगे धरसीवा विधानसभा की ये समान्य सीट में हमेशा से ही बड़े नेताओं की नजर टिकी होती हैं। राज्य गठन के बाद यहॉ लगातार तीन चुनाव में भाजपा के देवजी भाई पटेल विधायक चुने गये, तो वही 2018 के चुनाव में कांग्रेस से अनिता योगेन्द्र शर्मा इस सीट से विजयी हुईं। इस चुनाव इस सीट से कांग्रेस एवं भाजपा दोनों पार्टीयों से दावेदारों की लंबी लिस्ट हैं। कांग्रेस से वर्तमान विधायक अनिता योगेन्द्र शर्मा की दावेदारी मज़बूत मानी जा रही हैं। इसके अलावा कांग्रेस के युवा नेता भावेश बघेल, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता चंद्रशेखर शुक्ला, जिला पंचायत अध्यक्ष डोमेश्वरी वर्मा, कांग्रेस ज़िला अध्यक्ष उधोराम वर्मा, जनपद पंचायत तिल्दा के अध्यक्ष देवव्रत नायक, पुर्व नगर पंचायत अध्यक्ष अरविंद देवांगन, आरंग जनपद पंचायत अध्यक्ष खिलेश देवांगन आदी लोगों ने कांग्रेस से अपनी दावेदारी पेश की हैं। वहीं भाजपा की बात करें तो यहॉ भाजपा में लगभग दो दर्जन उम्मीदवार सक्रिय हैं जो अपनी दावेदारी पुख़्ता करने में लगें हैं। इसमें प्रमुखरूप से पुर्व विधायक देवजी भाई पटेल का नाम शामिल हैं। देवजी भाई पटेल यहॉ 15 वर्षों तक विधायक रहे हैं वहीं पिछले 5 साल विपक्ष की भूमिका में भी वे सक्रियता से काम कर रहें हैं। भाजपा के अंदर खानों में चर्चा हैं की देवजी भाई पटेल के बिना धरसीवा फतेह करना भाजपा के लिए मुश्किल होगा। भाजपा के अन्य दावेदारों में खरोरा नगर पंचायत अध्यक्ष अनिल सोनी की दावेदारी भी मज़बूत मानी जा रहीं हैं। अनिल सोनी व्दारा लगातार कांग्रेस सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया जाता रहा हैं। वे लगातार जनहित के मुद्दों को लेकर मुखरता से सरकार पर हमला करते रहे हैं। इसके चलते ही भाजपा संगठन में श्री सोनी को कई ज़िम्मेदारी सौंपी गईं। वहीं पुर्व आईएस एवं प्रमुख सचिव गणेश शंकर मिश्रा, भाजपा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के संयोजक अंजय शुक्ला, छत्तीसगढ़ी कलाकार अनुज शर्मा, पुर्व भाजपा अध्यक्ष डॉ गुलाब टिकरिहा, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य चंद्रकाती वर्मा, ज़िला पंचायत सदस्य सोना वर्मा, राम खिलावन धीवर, भाजपा जिला उपाध्यक्ष महेश नायक, राम खिलावन वर्मा, पुर्व जनपद अध्यक्ष दिपक बैस, पुर्व मंडल अध्यक्ष रोबिन साहू, ग्राम पंचायत रायखेडा के पुर्व सरपंच खेलावन शर्मा, ठाकुरराम वर्मा, परसवानी सरपंच सोहन धीवर आदी कई लोगों व्दारा भाजपा में अपनी दावेदारी पेश की गईं हैं। हालांकि इन नामों में से दोनों प्रमुख पार्टीयों व्दारा इस किसे अपना प्रत्याशी तय किया जाता हैं और जनता किसे अपना नेता चुनती हैं ये वक्त ही बतायेगा।

दोनों ही पार्टियां करवा रहीं हैं सर्वे-

आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों ही पार्टियां सर्वे करवा रही हैं। कांग्रेस और भाजपा आलाकमान का कहना है कि दावेदारों को हर स्तर पर अपनी बात रखने का अधिकार है लेकिन टिकट किसी मिलेगी इसमें जमीनी सर्वे का सबसे अहम रोल होगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के धरसीवा लड़ने की अटकलें-

ग़ौरतलब हैं कि भाजपा व्दारा पिछले दिनों 21 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की गईं। इसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पाटन विधानसभा सीट भी शामिल हैं, जहॉ भाजपा व्दारा दुर्ग सांसद विजय बघेल को अपना प्रत्याशी बनाया गया हैं। इस सीट पर विजय बघेल के नाम की घोषणा होते ही पुरे प्रदेश में चर्चा हैं की अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पाटन के साथ ही किसी और सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। एैसी स्थिति में धरसीवा मुख्यमंत्री श्री बघेल के लिए एक सुरक्षित सीट मानी जा रही हैं। फिरहाल भूपेश बघेल धरसीवा से चुनाव लड़ेंगे अथवा किसी और सीट पर ज़ोर आज़माइश करेंगे ये वक़्त बतायेगा किंतु धरसीवा से मुख्यमंत्री के चुनाव लड़ने के अटकलों ने भाजपा एवं कांग्रेस के उम्मीदवारों की नींद उड़ा रखीं हैं।

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