रायपुर । छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहे है, ठीक वैसे-वैस राजनेताओं के बयानों में भी तल्खी आने लगी है। कुछ ऐसा ही मामला मंगलवार को सरगुजा में सामने आया, जब रामानुजगंज से बीजेपी प्रत्याशी और वरिष्ठ भाजपा नेता रामविचार नेताम ने अपने बयान में प्रदेश की गंदगी को तेजाब से सााफ करने की बात कह दी। नेताम के इस बयान के बाद जहां राजनीति सुलग गयी है, वही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार करते हुए कहा कि ये लोग हमेशा जलाने, हिंसा और घृणा की ही बात करते है। कानून के हिसाब से राज्य चलता है। लेकिन बीजेपी के लिए अलग कानून है और आम लोगों के लिए अलग ।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है। लिहाजा प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टी कांग्रेस और बीजेपी सियासी मैदान में आमने-सामने डट गयी है। चुनावी साल है तो चुबानी जंग और तीखी बयान बाजी का दौर भी शुरू हो गया है। लेकिन राजनेताओं अब अपने बयानों में तल्खी लाने के साथ ही मर्यादाओं को लांघते भी नजर आ रहे है। जीं हां कुछ ऐसा ही नजारा मंगलवार को सरगुजा में देखने को मिला। यहां पूर्व गृहमंत्री रहे और मौजूदा रामानुजगंज प्रत्याशी रामविचार नेताम का विवादित बयान सामने आया। मीडिया से बातचीत के दौरान ऑन कैमरा नेताम ने कह दिया कि…. “गलत लोग कुर्सी पर बैठ गये है। पूरा गंदगी मचा कर रख दिये है। गंदगी को पूरा साफ करने के लिए….कभी कभी जब साफ नही होता है, तो तेजाब से धोना पड़ता है, वो भी करना पड़े तो कोई पीछे नही हटेगा।” रामविचार नेताम यहीं नही रूके उन्होने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि….” उल्टा लटकाकर हिसाब लिया जायेगा। बहुत लोग अंदर है…..बहुत लोग जाने की तैयारी में है, और जो बचे है वो सबाको भी भेजा जायेगा। कोई बचने वाला नही है।
रामविचार नेंताम के इस बयान के बाद एक बार फिर सूबे की राजनीति गरमा गयी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नेताम के बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होने कहा कि ये लोग हमेशा जलाने,हिंसा की बात, घृणा की ही बात करते है। अब तेजाब, कोई बुलडोजर चलाने की बात करता है, कोई उल्टा लटकाने की बात करते है। मुख्यमंत्री ने साफ किया कि कानून के हिसाब से राज्य चलता है। लेकिन बीजेपी के लिए अलग कानून है और आम लोगों के लिए अलग। गौरतलब है कि राजनेताओं का बयानों में मर्यादा की हदें लांघना कोई नई बात नही है। ऐसे में फिर जब साल चुनावी हो, तो फिर नेताजी सारी मर्यादाओं को दरकिनार कर प्रतिद्वंदी पार्टी और उसके नेताओं पर जमकर आग उगलते है। यहीं कारण है कि रामविचार नेताम के “तेजाब” वाले इस बयान ने छत्तीसगढ़ की सियासत में आग जरूर भड़का दी है।