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अक्षर साहित्य परिषद एवं महादेवी महिला साहित्य समिति ने मनाया हिन्दी दिवस

  •  दाम उतने ही नहीं इंसानियत के हैं गिरे ।जितनी किल्लत पड़ गई हैं अपनों के व्यवहार से ।’ ग़ज़ल को लोगों ने काफी पसंद किया।
  • हिन्दी भारतीय संस्कृति व राष्ट्रीय अस्मिता की भाषा हैं ।भारत की आत्मा का मधुर स्वर मां भारती की यह लाडली ही सुना सकती हैं – डा रमाकांत सोनी

 चांपा/ जिला रिपोर्टर मनीराम आजाद। हिन्दी भारतीय संस्कृति व राष्ट्रीय अस्मिता की भाषा हैं । हिन्दी हमारी एकता व स्वाभिमान की भाषा हैं । भारत की आत्मा का मधुर स्वर मां भारती की यह लाडली ही सुना सकती हैं । उपरोक्त विचार साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था अक्षर साहित्य परिषद एवं महादेवी महिला साहित्य समिति के संयुक्त तत्वावधान में नगरपालिका वाचनालय भवन में आयोजित हिन्दी दिवस समारोह के मुख्य वक्ता डा रमाकांत सोनी द्वारा व्यक्त किया गया । डां सोनी जी ने कहा कि हिंदी संचार क्रांति के माध्यम वैश्विक मानव की चेतना बन चुकी हैं।परिषद के संरक्षक रामनारायण प्रधान ने हिंदी को वैज्ञानिक एवं प्रमाणिक भाषा सिद्ध किया । परिषद के अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद सोनी ने कहा हिंदी लगभग डेढ़ हजार वर्ष पुरानी हैं किन्तु बीसवीं सदी के बनिस्वत इक्कीसवीं सदी में इसका विकास तीव्र गति से हो रहा हैं ।

महादेवी महिला साहित्य समिति की अध्यक्ष सुशीला सोनी ने कहा भारत के इसरो द्वारा भेजा गया चंद्रयान- 03 और उससे जुड़े आदित्य , विक्रम , प्रग्यान , गगनयान जैसें शब्द हिदीं की शिवशक्ति हैं , जो पूरी दुनियां को अपनी ताकत दिखा रही हैं । इस अवसर पर जन्मेजय साहू ने कहा हिन्दी विश्व के देशों को जोड़ने वाली भाषा हैं । इसे जी-21 के इक्कीस देश वसुधैव कुटुम्बकम् के माध्यम जान चुके हैं। अब हिन्दी बोलने वालों की संख्या विश्व में चीनी मैडारिन से अधिक अर्थात् सबसे अधिक हैं । बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं की नगर सह-संयोजिका संगीता-सुरेश‌ पाण्डेय ने कहा हिन्दी जनसामान्य में संस्कृति ,सभ्यता और शिक्षा के क्षेत्र में दीप स्तम्भ सिद्ध हुई हैं ।शशिभूषण सोनी ने कहा कि राष्ट्र में हिन्दी की विकास यात्रा में पूरे देश का समर्थन मिल रहा हैं ।भारत ने संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी भाषा के उपयोग को बढ़ावा देने की पहल की हैं । वहीं यज्ञनारायण सोनी ने हिन्दी के व्यवहार में गर्व करने पर बल दिया । श्रीमति भुवनेश्वरी सोनी ने कहा कि भारत में हिन्दी को अंग्रेजी के समक्ष आज़ भी दोयम दर्जा प्राप्त‌ हैं । हमें इस गुलामी मानसिकता से गुजरना होगा ।

कार्यक्रम का प्रारंभ मंचासीन अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन , पूजन-अर्चन व समवेत स्वरों में सरस्वती वंदना से हुआ । कार्यक्रम के द्वितीय सत्र की शुरुआत मुकेश सिंघानिया की ग़ज़ल दाम उतने ही नहीं इंसानियत के हैं गिरे ।जितनी किल्लत पड़ गई है अपनों के व्यवहार में । को लोगों ने काफी पसंद किया । सरोजनी सोनी ने हिन्दी वर्णमाला का काव्यात्मक प्रयोग किया । यज्ञनारायण ने कविता के माध्यम सुंदर राजनीतिक व्यंग्य प्रस्तुत किया। इसके अलावा उमा सोनी , बी एल महिलाएं, सत्यभामा साव , पुरुषोत्तम सोनी , राजेश सोनी , भुवनेश्वरी सोनी , डा रमाकांत सोनी ने हिन्दी काव्यमय रचनाओं से श्रोताओं को आनंद विभोर किया । कार्यक्रम का संचालन राजेश कुमार सोनी तथा आभार रामनारायण प्रधान ने किया ।

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