छत्तीसगढ़

कारोबारी की फांसी के फंदे पर मिली लाश,होटल के कमरे से मिला 2 पन्नों का सुसाइड नोट

अंबिकापुर । अंबिकापुर के एक कारोबारी की लाश होटल के कमरे में फांसी के फंदे पर मिली है। बताया जा रहा है कि मृतक कारोबार कोलकाता की एक फर्जी कंपनी के यूरेनियम स्कैम के झांसे में आ गया था। इस स्कैम में कारोबारी ने ना केवल खुद के 2 करोड़ रूपये बल्कि अपने जान-पहचान के लोगों के भी मोटे पैसे इन्वेस्ट करवा दिये थे। होटल के कमरे में कारोबारी की लाश के पास से 2 पन्ने का सुसाइड नोट भी पुलिस ने बरामद किया है। जिसमें कारोबारी ने आत्महत्या से पहले यूरेनियम स्कैम की जिक्र किया गया है।

जानकारी के मुताबिक मामला सिटी कोतवाली क्षेत्र का है। बताया जा रहा है कि शहर के बौरीपारा के रहने वाले व्यवसायी गुरू जायसवाल बाबूपारा स्थित मातृका श्री होटल में ठहरे हुए थे। उन्होंने बुधवार को दोपहर के वक्त होटल का कमरा बुक किया था। कमरे में ठहरने के बाद उन्होने रात के खाने का ऑर्डर भी नहीं दिया था और न ही कमरे में जाने के बाद एक बार भी बाहर निकले थे। गुरुवार सुबह रूम क्लिनिंग स्टाफ ने जब कमरा खुलवाने की कोशिश की, तो किसी ने अंदर से जवाब नहीं दिया। दरवाजा का डोर बेल काफी बजाने के बाद भी दरवाजा नही खुला, तब होटल स्टाफ ने अनहोनी की आशंका से डायल 112 को सूचना दी। सूचना मिलने पर पुलिस टीम होटल में पहुंची और कमरे का दरवाजा खोला, तो अंदर व्यवसायी का शव फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला।

घटना की जानकारी के बाद मृतक कारोबारी के परिजनों को सूचना दिया गया। पुलिस को जांच में कमरे से 2 पन्ने का सुसाइड नोट मिला है। मृत कारोबारी के भतीजे अविनाश जायसवाल ने बताया कि गुरु जायसवाल कोलकाता की किसी कंपनी के स्कैम में फंस गए थे। करीब 2 साल पहले कंपनी ने उन्हें यूरेनियम खनन कर कई गुना फायदा कमाने का झांसा दिया था। कंपनी को यूरेनियम का स्टॉक मिलने की बात कहते हुए उसे निकालकर परिशोधित करने की जानकारी दी थी। कंपनी ने बताया था कि उक्त यूरेनियम को भारत सरकार ले लेगी, इसके बदले कंपनी को करोड़ों रुपये का फायदा होगा। इसमें निवेश करने वाले को कम समय में निवेशित राशि का कई गुना फायदा होगा।

गुरू जायसवाल इस कंपनी के स्कैम में फंस गए और उन्होंने करीब 2 करोड़ रुपये कंपनी में लगा दिए। यहीं नही कारोबारी गुरु जायसवाल ने अपने जान-पहचान के अन्य लोगों को भी कंपनी के स्कीम के बारे में जानकारी दी, तो राजेश जायसवाल ने कंपनी में 25 लाख और अन्य लोगों ने भी लाखों रुपये लगा दिए। करीब एक साल पहले उन्होंने कंपनी से अपने इन्वेस्ट पैसों की मांग की, तो कंपनी ने उन्हें रिजर्व बैंक का 2000 करोड़ रुपए का फर्जी चेक भी भेज दिया। बैंक में संपर्क करने पर पता चला कि ऐसा कोई चेक जारी नहीं होता, तो उन्हें ठगी का अहसास हुआ। वे कोलकाता भी गए। लेकिन स्कैम करने वाली फर्जी कंपनी का पता नहीं चला। कोलकाता से वापस लौटने के बाद डिप्रेशन में डूबे व्यवसायी गुरू जायसवाल ने इससे पहले भी हाथ की नस काटकर आत्महत्या की कोशिश की थी।

परिजनों ने उन्हें शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां समय पर इलाज के बादउनकी जान बच गई थी। फर्जी कंपनी में निवेश के कारण वे लाखों रुपये के कर्ज में भी डूब गए थे। मृतक के भतीजे अविनाश ने पुलिस को बताया कि ठगी के शिकार अन्य निवेशक गुरू जायसवाल को इसका जिम्मेदार मान रहे थे। एक निवेशक ने उनके गोदाम पर कब्जा कर लिया था और उसकी रजिस्ट्री का दबाव बना रहा था। अन्य निवेशक भी उनसे पैसों की लगातार मांग कर दबाव बना रहे थे। जिससे कोराबारी पिछले कुछ दिनों से काफी तनाव में थे। इस बात का जिक्र मृतक कारोबारी गुरू जायसवाल ने सुसाइड नोट में भी किया है। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर घटना की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद कारोबारी को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले लोगों के खिलाफ भी अपराध दर्ज किया जायेगा।

 

 

 

 

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