नेता प्रतिपक्ष के बेटे को रेप केस में मिली बड़ी राहत,हाईकोर्ट ने FIR को किया खारिज
बिलासपुर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बेटे को रेप केस में हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने आदिवासी विवाहित महिला के आरोप पर दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया है। जस्टिस राकेश मोहन पांडेय ने महिला के रेप, अबॉर्शन के आरोप और पुलिस की एफआईआर को खारिज करते हुए पलाश चंदेल को सभी आरोपों से बरी कर दिया है। साथ ही ये दलील दी है कि 37 साल की एक शादीशुदा महिला को 27 साल का अविवाहित युवक झांसे में कैसे ले सकता है।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल और बीजेपी के लिए राहत की खबर सामने आयी है। चुनावी साल में जहां राजनीतिक पार्टियां और राजनेता एक दूसरे पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप कर रहे है। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बेटे पलास चंदेल पर लगे रेप केस के मामले को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। आपको बता दे कि आदिवासी शादीशुदा महिला ने पलाश चंदेल पर रेप का आरोप लगाया था। पीड़ित महिला ने राजधानी रायपुर में इस मामले में एफआईआर दर्ज कराया था। इस एफआईआर के बाद पुलिस पलाश की तलाश में जगह-जगह छापेमारी कर रही थी। जिसके पलाश ने एडवोकेट हरि अग्रवाल के जरिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी लगाई थी।
अप्रैल महीने में कोर्ट ने पलाश के आवेदन को स्वीकार कर लिया था। इसके बाद से केस की सुनवाई चल रही थी। सुनवाई के दौरान पलाश के वकील हरि अग्रवाल ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी के साथ ही एफआईआर को झूठा बताते हुए रद्द करने की मांग रखी। वकील द्वारा तर्क दिया गया था कि महिला शादीशुदा है, जिसकी जानकारी आरोपी पलाश को थी। इसके बाद भी वह एक शादीशुदा महिला को शादी करने का झांसा कैसे दे सकता है। उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि महिला की सहमति से ही तीन साल से दोनों के बीच दोस्ती थी। इस दौरान जो भी हुआ, इसमें महिला की पूरी सहमति थी। 37 साल की पढ़ी लिखी और समझदार महिला को 27 साल का युवक झांसा कैसे दे सकता है।
महिला ने यह भी कहा है कि उसकी मर्जी के बिना गर्भपात कराया गया है, जो कि संभव नहीं है। महिला ने यह भी आरोप लगाया था कि पलाश उसके साथ मारपीट करता था। अपने पिता नारायण चंदेल के रुतबे का डर दिखाकर धमकाया करता था। नौकरी से निकलवाने की भी धमकी दिया करता था। परेशान होकर युवती ने रायपुर में अनुसूचित जनजाति आयोग, राज्य महिला आयोग और महिला थाने में शिकायत की थी। जिसके बाद दुष्कर्म और एट्रोसिटी एक्ट के तहत पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया था। इस पूरे प्रकरण पर जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाया है। बीते 23 अगस्त को सुनवाई पूरी हुई थी, जिस पर फैसला सुरक्षित रखा गया था। आज कोर्ट ने पलाश चंदेल पर दर्ज एफआईआर को खारिज करते हुए सारे मामलों से उसे बरी कर दिया गया है।