नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी मे 16 अटल आवासीय विद्यालयों का करेंगे लोकार्पण, प्रदेशवासियों को देंगे 1565 करोड़ सौगात
:प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी शनिवार को 31वीं बार आएंगे। राजातालाब के समीप गंजारी में पूर्वांचल के पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास करने के साथ ही जनसभा कर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव प्रचार का बिगुल भी फूंकेंगे। इस मौके पर पीएम मोदी काशी सहित यूपी के 16 अटल आवासीय विद्यालयों का लोकार्पण भी करेंगे। महिलाओं के साथ ही काशी सांसद खेल महोत्सव के विजेताओं से अलग-अलग संवाद करेंगे।
प्रधानमंत्री शनिवार को प्रदेशवासियों को 1565 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। पीएमओ से मिली जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी करीब छह घंटे तक वाराणसी में गुजारेंगे। दोपहर साढ़े बारह बजे आएंगे। पीएम सबसे पहले गंजारी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास करेंगे।क्रिकेट स्टेडियम 450 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है। वे यहां जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
संस्कृत विश्वविद्यालय में महिलाओं से संवाद करेंगे पीएम मोदी
इसके बाद संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में महिलाओं से संवाद करेंगे। यह संवाद महिला आरक्षण विधेयक पर होगा। महिलाएं प्रधानमंत्री को सम्मानित करेंगी।
यहां से पीएम रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर जाएंगे। वहां काशी सांसद खेल महोत्सव के विजेता प्रतिभागियों से संवाद करेंगे। साथ ही काशी सहित उत्तर प्रदेश के अटल आवासीय विद्यालयों को लोकार्पण करेंगे। अटल आवासीय विद्यालय 1115 करोड़ से बने हैं। इनमें दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों से वर्चुअल जुडेंगे।
दुनिया की सबसे पुरानी श्रीमद्भागवत गीता के दर्शन करेंगे पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र में दुनिया की सबसे प्राचीन श्रीमद्भागवत गीता के दर्शन करेंगे। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के सरस्वती भवन में रखी एक हजार साल पुरानी हस्तलिखित भागवत गीता संरक्षित है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए तैयारियों को अंतिम रूप दिया। शनिवार को वाराणसी आगमन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के 232 साल पुराने पुस्तकालस सरस्वती भवन में भी जा सकते हैं। यहां पर एक हजार साल से भी ज्यादा पुराने 95 हजार संस्कृत ग्रंथ, पांडुलिपियों सहित करीब दो लाख पुस्तकों का संग्रह है।