कोरबा । छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है। ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी के बीच पट्टा वितरण को लेकर श्रेय लेने का होड़ मचा हुआ है। कोरबा से भाजपा प्रत्याशी लखनलाल देवांगन ने दावा किया कि उनके आंदोलन के बाद कांग्रेस सरकार दबाव में आयी और अब पट्टा वितरण का निर्णय लिया गया है। लेकिन कोरबा में बगैर सर्वे के आधे-अधूरे लोगों को पट्टा वितरण कर कांग्रेस चुनावी राजनीति कर रही है। उन्होने पट्टा वितरण पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोरबा नगर निगम के 67 वार्ड में 67 हजार लोग बेजा कब्जा में निवासरत है, लेकिन जिला प्रशासन महज 15 हजार लोगों को पट्टा बांटने की बात कह रहा है, जो कि कोरबा की जनता के साथ नाइंसाफी है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल कोरबा विधानसभा से विधायक है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सरकार ने शहरी आबादी क्षेत्र में वर्षो से बसे लोगों को पट्टा देने की घोषणा कर दी है। लिहाजा कोरबा जिला में आगामी 15 दिनों में 15 हजार हितग्राहियों को पट्टा वितरण का दावा किया जा रहा है। लिहाजा राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल सरकार के इस फैसले को लेकर जहां जनता के बीच जा रहे है। वहीं अब बीजेपी इसे मुद्दा बना रही है। कोरबा विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी लखनलाल देवांगन ने आप प्रेस कांफ्रेंस कर पट्टा वितरण की नीति पर सवाल उठाते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाये। लखन लाल देवांगन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में पट्टा वितरण का वादा किया गया था। लेकिन साढ़े 4 सालों तक सरकार के पास पट्टा बांटने का समय नही मिला।
अब जब चुनाव होने है, तब ऐन चुनाव से पहले पट्टा वितरण की घोषणा कर इस मुद्दे पर राजनीति किया जा रहा है। लखनलाल देवांगन ने आरोप लगाया कि पट्टा वितरण को लेकर सरकार ने जो नियम बनाये है, उससे पात्र लोग भी इस योजना का लाभ नही ले पायेंगे, जो कि सरकार की गलत नीति है। लखन देवांगन ने दावा किया कि बीजेपी के उग्र आंदोलन का ही असर है कि कांग्रेस को पट्टा वितरण करने के लिए मजबूर होना पड़ा। लेकिन आनन-फानन में जिस तरह से 15 हजार लोगों को पट्टा वितरण करने की बात की जा रही है, उसमें अभी भी हजारों लोग इस लाभ से वंचित रह जायेंगे। लखनलाल देवांगन ने दावा किया कि नगर निगम क्षेत्र के 67 वार्ड में 67 हजार लोग बेजा कब्जा जमीन में निवासरत है, लेकिन महज 15 हजार लोगों को पट्टा वितरण की बात कहकर कांग्रेस सिर्फ और सिर्फ राजनीति कर रही है।
लखनलाल देवांगन ने कहा कि वे पट्टा वितरण का स्वागत करते है, जिला प्रशासन 15 दिन की बजाये 2 दिन में 15 हजार लोगों को पट्टा बांट दे, उन्हे कोई आपत्ति नही है। लेकिन बांकी के हजारों लोग जो बेजा कब्जा जमीन पर सालों से रह रहे है, उन्हे भी पट्टा के अधिकार से वंचित नही किया जाना चाहिए। लखनलाल देवांगन ने चेतावनी दी है कि पट्टा वितरण में गड़बड़ी सामने आती है, तो बीजेपी ना केेवल कलेक्टर बल्कि मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर आम जनता के पक्ष में लड़ाई लड़ेगी। कोरबा में बीजेपी के इस प्रेस कांफ्रेंस के बाद तय है कि कांग्रेस भी पलटवार करेगी। चुनावी साल है, तो राजनीतिक पार्टी हर एक मुद्दे को भुनाने और श्रेय लेने में जुुटी हुई है। लेकिन कोरबा जिला में पट्टा वितरण की थ्योरी थोड़ी अलग है।
कोरबा जिला में आज भी सार्वजनिक उपक्रम जैसे एसईसीएल, एनटीपीसी, सीएसईबी और बालकों की खाली पड़ी जमीनों पर हजारों लोग बेजा कब्जा कर रह रहे है। ऐसे में सार्वजनिक उपक्रमों की जमीनों पर बसे उन्ही लोगों को आबादी पट्टा दिया जा सकता है, जिस लीज की जमीन को सार्वजनिक उपक्रमों ने राजस्व विभाग को वापस कर दिया है, जबकि आज भी सार्वजनिक उपक्रमों के लीज की अधिकांश खाली पड़ी जमीनों पर लोग बसे हुए है। ऐसे में सरकारी पट्टा पाने की उम्मींद सभी को है, जो कि काफी हद तक आज भी नामुमकिन है। ऐसे में चुनावी साल में पट्टा की राजनीति कर रहे राजनेता इस मुद्दे को लेकर अपनी राजनीति चमका पाते है या फिर यह मुद्दा राजनेताओं के लिए गले की हड्डी बन जायेगी,ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।