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शराब के लिए सफाई कर्मचारी ने बेच डाली सरकारी फाइलें

यूपी |सरकारी विभाग में तैनात प्राइवेट सफाई कर्मी ने ऐसा कारनामा कर डाला कि अधिकारियों तक की हालत खराब हो गई। विकास भवन में तैनात सफाई कर्मी मोहन ने शराब पीने के लिए सरकारी फाइलों को कबाड़ी को बेच डाली। जो फाइलें कबाड़ी को बेची उसमें यूपीनेडा, समाज कल्याण विभाग की कई फाइलें, वृद्धा पेंशन, पारिवारिक लाभ के आवेदन पत्रों के कई बंडल थे।

यह मामला तब खुला जब गुरुवार को यूपी नेडा कार्यालय में दोपहर के समय में मोहन सफाई करने गया था। उसी समय कार्यालय में रखीं दो फाइलों के बंडल बोरी में भर रहा था, तभी विभाग का कर्मचारी आ गया और उसने पकड़ लिया। उसने फाइलें छुड़ाकर कार्यालय में रखीं और फटकार लगाई।

समाज कल्याण विभाग की फाइलों को बनाया कबाड़

इसके बाद ये भी जानकारी हुई की समाज कल्याण विभाग के कंप्यूटर कक्ष में काफी समय से वृद्ध पेंशन के आवेदन पत्रों की फाइलों के बंडल भी नहीं मिल रहे हैं. जिसके बाद विभाग के अधिकारी सफाई कर्मी को कबाड़ की दुकान पर लेकर गए जहां पर उसने पहले भी फाइलें बेची थी. जहां से विभाग की कई फाइलें और उनके बंडल मिले, जिन्हें वापस विभाग में लाया गया. वहीं मामला खुलता देख सफाई कर्मी मोहन मौके से भाग निकला.

शुक्रवार को मामला सामने आने के बाद शनिवार को मोहन के खिलाफ नवाबगंज थाने में समाजकल्याण विभाग के बाबू हरेंद्र सक्सेना ने तहरीर दी है। शनिवार को दिन भर समाज कल्याण विभाग के 23 नंबर कमरे में फैले पड़े रिकॉर्ड को सुरक्षित करने का काम हुआ।

इसके बाद वृद्धावस्था पेंशन, पारिवारिक लाभ के सारे रिकॉर्ड ढूंढे गए तो वर्ष 2017 से 2022 तक का वृद्धावस्था पेंशन योजना का रिकॉर्ड गायब मिला। हालांकि 2023 का रिकॉर्ड कबाड़ी के यहां मिल गया। दो कर्मचारी बेकनगंज स्थित कबाड़ी के गोदाम में दिन भी रिकॉर्ड तलाशते रहे।

सूत्रों ने बताया कि पारिवारिक लाभ योजना का भी रिकॉर्ड गायब है, यूपी नेडा कार्यालय से भी फाइलें गायब हैं लेकिन विभाग के अफसर चुप्पी साधे हैं। वहीं, उप निदेशक समाज कल्याण महिमा मिश्रा भी शनिवार को कार्यालय निरीक्षण करने पहुंचीं। उन्होंने पांच घंटे तक अफसरों-कर्मचारियों से पूछताछ की।

सफाई कर्मी के खिलाफ मुकदमा दर्ज

फिलहाल सीडीओ सुधीर कुमार ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी सफाई कर्मी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा उसे कार्य से हटा दिया है, इसके साथ ही लापरवाही के चलते संबंधित विभागों से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है. वहीं सफाई कर्मी के इस तरह के कारनामे को सुन दूसरे कर्मचारियों संग अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं ज्यादातर विभागों ने अपनी पुरानी फाइलों की जांच शुरू कर दी है.

 

 

 

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