पॉलिटिक्स

कांग्रेस की चुनावी रैली में जमकर चले लात-घूसे, पूर्व मंत्री ने इस तरह संभाला मोर्चा

उज्जैन । विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश में आक्रोश रैली निकाल रही है। बीजेपी को घेरने के लिए निकाली जा रही इस जन आक्रोश रैली में कांग्रेस में गुटबाजी भी खुलकर सामने आ रही है,जिसका नतीजा है कि कार्यकर्ता आपस में सरेराह मारपीट करते देखे जा सकते है। ऐसा ही एक मामला उज्जैन जिले के बड़नगर में देखने को मिला। जब पूर्व विधायक और वर्तमान विधायक के समर्थक आमने-सामने आ गए और देखते ही देखते स्थिति झड़प और मारपीट में तब्दील हो गयी।

गौतरलब है कि साल के आखिर में छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश सहित 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है। मध्यप्रदेश में विपक्ष में बैठी कांग्रेस प्रदेशभर में जन आक्रोश रैली निकालकर सत्तासीन बीजेपी को घेरने की जुगत में लगी हुई है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की जन आक्रोश रैली मंदसौर, नीमच से रतलाम होते हुए उज्जैन जिले में दाखिल हुई। यहां पर बड़नगर में जन आक्रोश रैली के तहत आमसभा का भी आयोजन रखा गया थां। लेकिन यहां पूर्व मंत्री जीतू पटवारी के सामने वर्तमान विधायक मुरली मोरवाल और पूर्व विधायक की ओर से शक्ति प्रदर्शन किया गया। जब मंच पर जीतू पटवारी का स्वागत किया जा रहा था। इसी दौरान रैली मार्ग पर पटवारी के सामने ही कांग्रेस के दोनों गुट आमने-सामने हो गए।

पहले तो दोनों पक्षों के बीच कहा सुनी हुई, इसके बाद जब जीतू पटवारी ने हस्तक्षेप किया तो वह शांत हो गए। लेकिन कुछ देर बाद ही दोबारा दोनों पक्ष भिड़ गए। जीतू पटवारी को मंच से उतरकर दोनों पक्षों को शांत करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने नेताओं को भी फटकार लगाई मगर तनातनी की स्थिति बनी रही। जब जीतू पटवारी ने दोनों पक्षों को अलग-अलग करने की कोशिश की, तो वे नहीं माने। इसके बाद जीतू पटवारी ने अपना साफा और स्वागत मंच पर पहनाई गई माला उतारकर फेंक दी। इसके बाद वे खुद मैदान में उतरे और कांग्रेस के दोनों पक्षों को अलग-अलग किया।

उन्होंने कार्यकर्ताओं को एकजुट रहने की सलाह भी दी। हालांकि बड़नगर में कांग्रेस के दोनों ही खेमे इस बार टिकट को लेकर दावेदारी कर रहे हैं। यहीं वजह है कि कांग्रेस के कई कार्यक्रमों में तनाव की स्थिति देखने को मिल रहा है। बीजेपी के जिला अध्यक्ष बहादुर सिंह ने बताया कि मारपीट और धक्का मुक्की के बीच लोगों को असली कांग्रेस के दर्शन हो गए हैं। कांग्रेस इसी प्रकार से गुटबाजी के कारण पूरी तरह हाशिये पर आ गई है। उन्होने कांग्रेस की इस गुटबाजी का फायदा एक बार फिर बीजेपी को मिलने का दावा किया है।

 

 

 

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